बीकानेर, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के शस्य विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय “कृषि आय बढ़ाने के लिए जैविक खेती” प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को मानव संसाधन विकास निदेशालय के सभागार में समापन हुआ। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति डॉ अरुण कुमार थे। उन्होंने जैविक उत्पादों के व्यवसायीकरण पर बल दिया तथा युवाओं के लिये इसे रोजगारपरक बताया।
उन्होंने कहा कि बड़े बड़े उधोगों को जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिये। समारोह के विशिष्ट अतिथि श्री सांवरमल सिंगारिया, निदेशक हवाई अड्डा, बीकानेर थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जैविक उत्पाद स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं एवं इनके उपयोग करने से मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। जैविक खेती के व्यापक प्रसार के लिए हमें हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आई. पी. सिंह ने जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण को महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ एस आर भुनिया ने बताया कि जैविक खेती को सार्थकढंग से करने के लिए प्रशिक्षण में विभिन जैविक द्रव्य तैयार करने पर प्रायोगिक जानकारी दी गई। अतिथियों द्वारा सफल प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किये गये। निदेशक अनुसंधान, डॉ. पी. एस. शेखावत, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर शिक्षा, डॉ. दीपाली धवन, निदेशक छात्र कल्याण, डॉ. वीर सिंह, डॉ दाता राम कुम्हार, डॉ परमेन्दर सिंह, डॉ अमित कुमावत आदि अधिकारियों ने भाग लिया |