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बीकानेर,लोकतंत्र में जो समाज जितना संगठित होगा उसको उतनी ज्यादा अहमियत मिलेगी। विधानसभा चुनाव छह माह और लोकसभा चुनाव में एक वर्ष का समय बाकी है जो राजनीति करते हैं उन्होंने अपने दावपेंज खेलने शुरू कर दिए हैं। जाट महासभा, गुजर,राजपूत, विप्र फाउंडेशन समेत कई समाज राजनीतिक मंच पर अपनी ताकत दोनों राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस को दिखा रहे हैं। बीकानेर में भी पुष्करणा महाकुंभ के मंच से भाजपा और कांग्रेस को अपने समाज की ताकत दिखाई है। महाकुंभ के मंच से पुष्करणा समाज के नेताओं ने तो राजनीतिक दलों के समक्ष समाज का एजेंडा ही रख दिया। खैर लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का हक है। बीकानेर में पुष्करणा समाज सुसंस्कृत, शिक्षित, अनुष्ठानी, ईश्वर भक्त और मस्त, मन मौजी समाज है। तीज त्योहार को उत्साह उमंग से जीने और सबके साथ भाईचारा प्रेम निभाने वाले लोग हैं। राजनीति में भी पुष्करणा समाज की सक्रियता काबिले तारीफ है। जो दूसरे समाजों को प्रेरणा देने वाली है। पुष्करणा महाकुंभ में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के युवाओं की जिनकी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है सक्रियता दिखाई दी। इस सक्रियता को संपूर्ण पुष्करणा समाज ने दिल खोल कर समर्थन दिया। इस महाकुंभ में पुष्करणा समाज ने एक मंच से राजनीतिक दलों को समाज की ताकत दिखाई और संदेश भेजने की कोशिश की है कि समाज की राजनीतिक पार्टियों में अहमियत है। राजस्थान की राजनीति में प्रतिनिधित्व के लिए राजनीतिक दल चाहे कांग्रेस या भाजपा पुष्करणा समाज को 14 विधानसभा सीटों पर टिकटें दी जानी चाहिए। पूरे महाकुंभ में पुष्करणा समाज के शैक्षिक, सामाजिक,आर्थिक,राजनीतिक और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित रहा। ध्येय चिड़िया की आंख राजनीतिक महत्वाकांक्षा ही रही। समाज के सभी दलों से जुड़े लोग एक जाजम आकर एक स्वर में नए लोगों राजनीति में अधिक से अधिक अवसर दिलाने या मिलने का भाव जताया। इस महाकुंभ के मंच से मंत्री बीडी कल्ला, रामकिशन आचार्य, आनंद जोशी,गोकुल जोशी, भंवर पुरोहित, जेठानंद व्यास, अनिल कल्ला, महेश व्यास, राज कुमार किराडू, डा. राजू व्यास, राजेश चुरा, अविनाश जोशी जैसे बहुत से राजनीति में सक्रिय लोगों का एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट दिखाई दिया। पुष्करणा महाकुंभ अपने उद्देश्य में सफल रहा।

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