बीकानेर,आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान परिसर में गुरुदेव श्री तुलसी की मासिक पुण्यतिथि पर श्रावक समाज को संबोधित करते हुए मुनि चैतन्य कुमार “अमन” ने कहा- आचार्य श्री तुलसी का महनीय अवदान है- अणुव्रत। नैतिकता और चरित्र के पुनरुत्थान में अणुव्रत-आंदोलन का विशेष योगदान रहा है। प्रत्येक आंदोलन का एक आदर्श होता है, अणुव्रत का आदर्श है – सम्प्रदयातीत मानव धर्म का प्रवर्तन, जो मानवीय हितों को बल देने वाला है। अहिंसा, शांति, सद्भाव, मैत्री को बढ़ावा देने वाले इस आंदोलन ने व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की दूरियों को कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
मुख्यवक्ता डुंगर काॅलेज के प्रोफेसर एवं जैनोलाॅजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. बबीता जैन ने कहा – आचार्य तुलसी के अनेक अवदानों में एक अवदान है- शिक्षा। शिक्षा जगत में मान्यता प्राप्त संस्थान जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय जैन धर्म और दर्शन को समर्पित है। जिसके माध्यम से अनेक छात्र छात्राओं ने जैन विद्या और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है और कर रहे हैं। दार्शनिक और प्रायोगिक शिक्षा से आज के युवाओं में परिवर्तन घटित हो रहा है। जैन और जैनेत्तर वर्ग के विद्यार्थी युवा इसके माध्यम से अपना अच्छा भविष्य बनाने के लिए प्रयत्न करें!
मुनि श्री श्रेयान्स कुमार जी ने विचारों को अभिव्यक्त करते हुए गुरुदेव तुलसी की अभ्यर्थना में गीत प्रस्तुत किया। मुनि प्रबोध कुमार जी, मुनि विमल विहारी जी ने अपने विचार व्यक्त किए। मंगलाचरण महिला मंडल ने गीत के संगान से किया। शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष हंसराज डागा ने स्वागत किया। आभार संस्थान उपाध्यक्ष किशन बैद ने किया। कार्यक्रम में मंत्री दीपक आंचलिया, जतन लाल दुगड़, आसकरण पारख, विमल चोरड़िया, ललित गुलगुलिया, भैरूदान सेठिया, मीनाक्षी आंचलिया, मधु छाजेड़, संजु लालाणी आदि उपस्थित रहे। संचालन तेरापंथ महिला मंडल मंत्री कविता चौपड़ा ने किया।