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बीकानेर,पश्चिमी विक्षोभ से हुवे असंतुलित मौसम की मार अब किसानों पर भारी पड़ने लगी. बात चाहे नहरी क्षेत्र के किसान की हो या नालाकुप धारी किसान की दोनो की महीनो से की गई खून पसीने की मेहनत इस विक्षोभ के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि के बहती नजर आ रही है.

पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पूरे प्रदेश में देखा जा रहा है इससे बीकानेर जिले के किसान भी प्रभावित हुवे है. किसानों की गेंहू, जीरा व ईसबगोल को फसलें कई क्षेत्रों में पूरी तरह चौपट हो गई तो कई इस क्षेत्र में जिसमे आधे से अधिक फसल खराब हो गई. पिछले चार पांच माह की किसानों की मेहनत उनकी आंखों के सामने पानी में बह गई.

बीकानेर जिले के गजनेर, महाजन, लूणकरणसर, नापासर, नोखा सहित दर्जनों गांवों के किसानों की फसलें इस पश्चिमी विक्षोभ की चपेट आ गई. कही ओलावृष्टि तो कही तेज आंधी के साथ हुई बरसात ने किसानों की कमर तोड़ दी. मार्च अप्रैल में महीनो में फसलों की कटाई का काम चल रहा है. लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के कहर ने किसानों की पक्की पकाई फसलों को चौपट कर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

इस विक्षोभ का असर किसानों के साथ साथ आमजन जीवन पर भी पड़ा. दर्जनों गांवों में विद्युत पोल गिर गए तो कही वर्षो से आमजन को छाया देने वाले विशाल पेड़ धराशाई हो गए. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की तूफान की गति कितनी तेज थी.

गजनेर क्षेत्र के किसान आशकरण उपाधया व घनश्याम बताते है की पश्चिमी विक्षोभ से आए तूफान के साथ हुई ओलावृष्टि के कारण आस पास के कई गांवों के नलकूप पर खड़ी फसल चौपट हो गई.ईसबगोल, जीरा व गेंहू की फसल पूरी तरह से खराब हो गई. सरकार समय पर गिरदावरी कर किसानों को उचित मुआवजा दे.

महाजन क्षेत्र की किसान सीताराम बताते हैं कि गत दिनों में तीन बार मौसम खराब और ओलावृष्टि, आंधी के कारण किसानों की फसलें खराब हो गई है. लूणकरण छेत्र में लगातार हो रहे पश्चिमी विक्षोभ के असर से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है .

पश्चिमी विक्षोभ के कारण किसानों की फसलें बर्बाद होने की कगार पर आ गई है किसानों की मेहनत लगता है इस विक्षोभ के तूफान में उड़ कर चली गई है.अब जरूरत है सरकार प्रभावित क्षेत्र में तत्काल गिरदावरी करवाकर किसानों की हुवे आर्थिक नुकसान का उचित मुआवजा मुहैया कराए.

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