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बीकानेर,राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा योजना जनहितैषी है। नि:शुल्क दवा, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से जनता खुश है। डाक्टरों के साथ समझौते के बाद अब राईट टू हैल्थ सिर्फ सरकार का अच्छा कदम मात्र रह गया है। कानून की मूल भावना तिरोहित हो गई है। डाक्टरों ने इस कानून का जमकर विरोध किया। निश्चित ही कानून दवाब भरा था। डाक्टरो को अपना पक्ष रखने का अधिकार था। अब अपना कर्तव्य भी समझ लें। अगर सरकार सुधार की तरफ ध्यान दें तो मेडिकल कॉलेज से संबद्ध और सरकार के विभिन्न श्रेणी के अस्पतालों में आउटडोर ठीक से चले तो जनता राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं से और ज्यादा सुविधा पा सकती है। राईट टू हैल्थ कानून में सरकार और हड़ताली डाक्टरों के बीच 8 बिंदुओं पर समझौते के बाद इस कानून में गहलोत सरकार और मुख्यमंत्री के बीच खुश होने जैसा कुछ भी नहीं बचा है। सरकार ने जो प्रावधान किए थे वो 8 बिंदुओं के समझौते में सिमट गए। भले ही कहने को राजस्थान राईट टू हैल्थ कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य हो, परंतु सरकार को प्रस्तावित प्रावधान डाक्टरो के दवाब में वापस लेने पड़े हैं। निजी मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पताल, पी पी पी मोड़ वाले अस्पताल, सरकारी लाभ लेने वाले, ट्रस्ट से संचालित अस्पताल ही इस कानून के दायरे में आएंगे। जो यथासंभव पहले ही थे। डाक्टर अपनी शर्ते मनवाने में सफल रहे। बेशक सरकार की मंशा राईट टू हैल्थ कानून को लेकर अच्छी थी। राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य जहां आर टी एच लागू होगा। लोक कल्याणकारी सरकार की उपलब्धि मानी जा सकती है। दूसरी तरफ सरकारी डाक्टरो की घरों में प्रेक्टिश की छूट का परिणाम है कि नि:शुल्क दवा योजना और चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। कुछ डाक्टर अस्पताल अपनी ड्यूटी दिखाने मात्र ही आते हैं। पेशेंट घर पर ही देखते हैं दवाएं कंपनी की और जांच बाहर की लिखते हैं। अस्पतालों में मेडिकल माफिया, पूरे तंत्र पर काबिज है। इसमें राजनीति और नेताओं की शह है। सरकार इसमें सुधार कर दें तो जनता को और ज्यादा सुविधा मिल सकेगी। वैसे राजस्थान सरकार की नि,:शुल्क दवा योजना और चिरंजीवी बीमा स्वास्थ्य योजना से जनता को राहत है। सरकार की इसमें भी कम वाहवाही नहीं है। समझौते के बाद राईट टू हैल्थ कानून राजस्थान सरकार का नि:शुल्क दवा और चिरंजीवी बीमा योजना के बाद मात्र अगला सराहनीय कदम ही माना जा सकता है।

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