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बीकानेर,देश भर में सोमवार को वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियां दूर करने की मांग को लेकर पूर्व सैनिक सड़कों पर उतर आए। वही आज जिला कलेक्ट्रेट में पूर्व सैनिकों ने गौरव सेनानी संघ ने वन रैंक वन पेंशन के लिए रैली निकाली और अतिरिक्त कलेक्टर  के माध्यम से देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को अपना ज्ञापन भेजा।

गौरव सेनानी संघ राजस्थान प्रदेश बीकानेर जिला अध्यक्ष भूतपूर्व सैनिक राजेंद्र शर्मा ने ने कहा कि ओआरओपी को 1 जनवरी 2016 से प्रभावी 7वें सीपीसी द्वारा और जटिल बना दिया गया है। नायब सूबेदार से मानद कैप्टन और नौसेना और वायु सेना में उनके समकक्ष रैंक को वन रैंक वन पेंशन के दायरे से बाहर रखा गया है। कई रैंकों में पिछले पेंशनभोगियों की पेंशन कम कर दी गई है। उन्होंने इन विसंगतियों को दूर करने की मांग की है।

राजेंद्र शर्मा ने कहा कि इसके अलावा,जंतर-मंतर दिल्ली में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन का समर्थन देने और केंद्र सरकार को जवानों को न्याय देने को लेकर पूर्व सैनिकों ने मुख्यालय में  रैली निकाली। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि जेसीओएस और ओआरओपी का लाभ दिया जाए जो जवान अपने अनुरोध पर और करुणा के आधार पर सेवानिवृत्त हुए हैं। पूर्व सैनिकों की विधवाओं की साधारण पारिवारिक पेंशन को बढ़ाया जाए। आरक्षी को ओआरओपी-1 और ओआरओपी-द्वितीय का लाभ नहीं दिया गया है। इसलिए उनकी पेंशन में वृद्धि की जाए और उनकी वित्तीय कठिनाई को कम करने के लिए सभी आरक्षकों को ओआरओपी के लाभ बहाल किए जाएं। दिव्यांग सैनिक के लिए विकलांगता पेंशन महज 30 फीसदी है जिन सैनिकों को सैन्य सेवा के दौरान उनके प्रदर्शन, समर्पण और कर्तव्यों के प्रति समर्पण के आधार पर सेवानिवृत्ति के बाद मानद रैंक दी जाती है, उन्हें भी उस मानद रैंक की पेंशन दी जानी चाहिए, जो सक्रिय सेवा के दौरान स्थायी मानद रैंक पाने वालों को दी जाती

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