बीकानेर की इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे वाली 3000 बीघा सीलिंग में आई हुई सरकारी जमीन का है मामला”
“ACB ने कुछ समय पहले बीकानेर की UIT से रिकॉर्ड किया था जब्त”
अभियुक्तों का नाम:-
1. दुर्गेश बिस्सा पूर्व ADM सिटी एवं RAS
2. अरुण प्रकाश शर्मा पूर्व UIT सचिव एवं RAS
3. अमीरुलहसन गौरी पूर्व HLA UIT
4. नरेश जोशी पूर्व तहसीलदार
5. भंवरलाल गोयल पटवारी
6. तथा अन्य भूमाफिया एवं अफसर
“बीकानेर के इतिहास का सबसे बड़ा ज़मीन घोटाला”
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असली बात क्या है?
कोई ज़माने में शिखर अग्रवाल बीकानेर का ज़िला कलेक्टर था….उसी समय दिल्ली के कुछ अग्रवाल भूमाफियाओं को बीकानेर का न्यौता दिया गया था….बीकानेर में सीलिंग में आई हुई उक्त सरकारी भूमि पर कब्जा कर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए गए और बीकानेर शहर की उक्त सरकारी भूमि के खातेदारी अधिकार भी धड़ाधड़ इन भूमाफियाओं को मिल गए…..अब ये भूमाफिया हो गए इस सरकारी भूमि के मालिक….अफसर बदले तो तत्कालीन तहसीलदार ने उक्त भूमि निरस्त कराने के लिए SDM के समक्ष वाद पेश किया……SDM ने मुकदमे की सुनवाई कर ज़मीन निरस्त कर दी…..भूमाफिया अग्रवालों ने शिखर अग्रवाल तत्कालीन कलेक्टर के पास SDM आदेश के खिलाफ अपील की…..शिखर साहब ने बहुत स्पीड से (केवल कुछ दिनों में ही) SDM का आदेश निरस्त कर पत्रावली वापस SDM को रिमाण्ड कर दी….ऐसे लगातार करोड़ों रूपये रिश्वत लेकर कई सालों तक केस मुकदमों का खेल रेवन्यू बोर्ड तक चलता रहा…..
अब नम्बर आया विवादित सरकारी भूमि पर बिजली कनेक्शन देने का….तो डॉ पृथ्वीराज, तत्कालीन ज़िला कलेक्टर बीकानेर(पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कथित दामाद) ने पटवारी को बुलाकर रिपोर्ट करने को कहा…..पटवारी ने फिर भी जब रिपोर्ट नहीं की तो दूसरे पटवारी से रिपोर्ट करवाकर इस भूमि पर बिजली कनेक्शन दिला दिया गया……
दिल्ली का रेडिसन होटल ग्रुप इन भूमाफियाओं का ही बताया जाता है…….कहा जाता है राजस्थान के कई IAS अफसर भी इस भूमि में पार्टनर हैं….
विवाद के चलते ही इस 3000 बीघा भूमि में से केवल 671 एकड़ भूमि पर गोल्फ कोर्स के लिए 90ए की पत्रावली UIT में लगाई गई……पटवारी, तहसीलदार, UIT सचिव वगैरहा इतनी ज़मीन का मामला देख भूमाफियाओं के लिए बिछ गए……अंतिम रूप से भूमाफियाओं के इशारों पर नाचते हुए सभी अफसरों ने मिलकर उक्त सरकारी भूमि के लिए 90ए के आदेश जारी कर दिए……
जागरूक नागरिकों को जब इस पूरे प्रकरण का पता चला तो UIT सचिव दुर्गेश बिस्सा RAS ने उक्त 90ए को खुद ने ही खारिज़ कर दिया जबकि इसको खारिज़ करने का अधिकार बीकानेर के सम्भागीय आयुक्त श्री सुबीर कुमार IAS को ही था….
90ए की प्रक्रिया के दौरान भूमाफिया को अपनी भूमि पहले UIT को सरेंडर करनी होती है…..मतलब 671 एकड़ भूमि असली मालिक UIT के नाम चढ़ चुकी थी…..UIT सचिव दुर्गेश बिस्सा RAS ने 90ए के आदेश ख़ारिज करते समय यह आदेश भी कर दिया कि UIT के नाम चढ़ चुकी समस्त सरकारी भूमि वापिस भूमाफिया के नाम चढ़ा दी जावे…..आश्चर्यजनक रूप से तहसीलदार ने UIT सचिव दुर्गेश बिस्सा के अविधिक आदेशों को मान भी लिया…..और तुरंत भूमाफिया के नाम भी चढ़ा दी….जबकि तहसीलदार SDM, RAA, कलेक्टर व रेवन्यू बोर्ड के आदेशों को मानने को बाध्य तो हो सकता है लेकिन UIT सचिव दुर्गेश बिस्सा RAS के आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं होते हुए भी भूमाफियाओं के हित में भारतीय मुद्रा लेकर तहसीलदार ने सरकार के पास आई हुई भूमि को वापिस भूमाफियाओं को परोस दिया…..
बीकानेर के सम्भागीय आयुक्त श्री सुबीर कुमार को लिखित व मौखिक जानकारी हो चुकी थी इसके बावजूद श्रीमान चुप रहते हुए इस पूरे खेल को देखते रहे……
और आज तक इस पूरे मामले में कोई एक्शन नहीं लिया है….
RAS अरुण प्रकाश शर्मा बीकानेर के नागरिकों को याद जरूर होगा….ये पूर्व UIT चेयरमेन श्रीमान मक़सूद अहमद के UIT सचिव थे…..
अरुणजी ने बीकानेर में कोई खाली सरकारी भूमि नहीं छोड़ी जिसका पट्टा भूमाफियाओं को नहीं दिया हो, चाहे वह भूमि आवासन मण्डल की हो या नगर निगम की या खुद UIT की…..जबरदस्त बंदरबांट चलाई थी अरुणजी ने…..कहा जाता है अरुणजी लगभग 500 करोड़ के आसामी हैं…..
दुर्गेश बिस्सा RAS बीकानेर में ADM सिटी था लेकिन कुछ समय के लिए उसे UIT का चार्ज मिला….
उसी चार्ज के दौरान उसने ये सारा खेल कर दिया…..
दुर्गेश बिस्सा के पुत्र का ससुर सेशन ज़ज़ है….
इन सेशन ज़ज़ का सगा भाई भी सेशन ज़ज़ है…..
हाई कोर्ट के पूर्व ज़ज़ गोपाल कृष्ण व्यास भी इन RAS महोदय के कथित रूप से निजी बताये जाते हैं…….
राजस्थान पुलिस में ADGP प्रदीप व्यास भी दुर्गेश बिस्सा के बड़े निकट बताये जाते हैं…..
बीकानेर में नौकरी के दौरान नौकरी कम और सामाजिक कार्यों पर ज्यादा ध्यान देते थे बिस्सा जी….
.सुना गया था कि बिस्सा जी MLA चुनाव लड़ने की तैयारी में भी थे……
ACB ने बहुत महीने पहले ही अपराध प्रमाणित कर दिया था लेकिन दुर्गेश बिस्सा जी के प्रभाव के चलते FIR दर्ज करने के आदेश एक बार के लिए हवा हो गए थे……
फिर जागरूक नागरिक कहाँ मानने वाले थे…..
लगे रहे देशभक्ति करने में और अंतिम रूप से ACB में FIR दर्ज होकर हुई “भारत माता की जय”…….
उक्त पोस्ट सद्भावना के साथ लिखी गई है क्योंकि जनता की हजारों करोड़ की सम्पत्ति कुछ अहंकारी बेईमानों की वजह से चली गई…..
पूरे तथ्य निष्पक्ष जाँच से सामने आयेंगे…..इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक भी जाना पड़ा…..तो निश्चित रूप से जायेंगे…..मेरा विश्वास है कि अंतिम जीत सत्य की ही होगी…..
इस घोटाले को खोलने के पावन यज्ञ में कई IAS, IPS, अन्य अधिकारीगण, भाजपा कांग्रेस के कई राजनेता, कई लोकसेवकों सहित बहुत सारे देशभक्तों की भी आहुति है…..