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बीकानेर, वेटरनरी विश्वविद्यालय के संघटक पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर के पशुधन नवाचार, ज्ञान और उद्यमिता कौशल केन्द्र द्वारा शुक्रवार को “पशुचिकित्सा जीनोमिक्स और जैव सूचना विज्ञान-पशुचिकित्सा स्नातकों के लिये केरियर विकल्प“ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि यह वेबिनार पशुचिकित्सा स्नातकों को जैव सूचना विज्ञान को केरियर के रूप में अपनाने में प्रेरित करेगा। उन्होंने बताया कि आज-कल विभिन्न क्षेत्रों जैसे वैक्सीन बनाने, एन्टीमाईक्रोबियल रेजिस्टेंस का अध्ययन, पशुओं में बीमारियों का पता लगाने एवं पशु उत्पादन क्षमता बढ़ाने आदि में इसका उपयोग किया जा रहा है। राजुवास के संस्थापक एवं पूर्व कुलपति प्रो. ए.के गहलोत ने म्यूटेशन के द्वारा आनुवंशिक सामग्री में परिवर्तन के महत्व एवं एकल स्वास्थ्य मिशन पर प्रकाश डाला। प्रो. गहलोत ने जूनोटिक रोगों की रोकथाम के लिये जैव सूचना विज्ञान के उपयोग पर अपने विचार व्यक्त किये। वेबिनार के प्रारंभ में संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. संजीता शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में वेबिनार का विषय अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है। वेबिनार के मुख्य वक्ता डॉ. चिरायु गोस्वामी, वरिष्ठ निदेशक, बायोइनफोर्मेटिक सर्विसेज, इनफिनीटी बायलोजिक्स, यू.एस.ए. ने जैव सूचना विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के दौरान उनके मार्गदर्शन में 80 लाख से ज्यादा कोविड जाँच किये गये। डॉ. चिरायु ने बताया कि भविष्य में पशु चिकित्सा के क्षेत्र में जैव सूचना विज्ञान का कार्य-क्षेत्र बहुत व्यापक है। उन्होंने वेटरनरी विद्यार्थियों को इस क्षेत्र को केरियर के रूप में अपनाने में अपना मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम में सवाल-जवाब सेशन में डॉ. चिरायु ने विदेशों में उच्च अध्ययन के लिए छात्रों को जी.आर.ई., टॉफेल जैसे प्रतियोगिता परिक्षाओं की जानकारी दी। वेबिनार के अन्त में प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, पी.आई., एन.ए.एच.ई.पी., राजुवास ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबिनार का संचालन डॉ. अशोक बैंधा तथा डॉ. रश्मि सिंह ने किया। डॉ. अशोक डांगी ने वेबिनार का वेब टेलिकास्ट किया।

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