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बीकानेर, पशुपालन एवं गौपालन विभाग द्वारा गौशाला प्रतिनिधियों का संभाग स्तरीय संवाद शुक्रवार को रविन्द्र रंगमंच पर आयोजित हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गौपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया थे। उन्होंने कहा कि बीकानेर में गौ अभ्यारण्य बनाने के लिए जिस संस्था के साथ अनुबंध हुआ था, वह पीछे हट गई। इस कारण यहां गौ अभ्यारण्य नहीं बन सका। यदि कोई संस्था इसके लिए तैयार है तो आगे आए और प्रस्ताव दे। इस संबंध में सकारात्मकता से विचार किया जाएगा। उन्होंने गौशालाओं के आधारभूत विकास के लिए संचालित गौशाला विकास योजना के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत करने की तिथि 31 अगस्त से बढ़ाकर 31 दिसम्बर करने की घोषणा की। साथ ही कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत समिति में एक-एक नंदी गौशाला बनाई जाएगी। इसके लिए 90 प्रतिशत तक अनुदान गौपालन विभाग द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार गौशालाओं से संबंधित समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। गौशाला प्रतिनिधियों के लिए विभाग के द्वार हमेशा खुले हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि गाय हमारी सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग है। इसमें देवताओं का निवास माना गया है। राज्य सरकार द्वारा गौशालाओं को सुविधा सम्पन्न करने के दृष्टिकोण से अनेक कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि संभाग के विभिन्न क्षेत्र के गौपालकों को एक मंच पर बिठाकर उनके साथ संवाद करना राज्य सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
खाजूवाला विधायक गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हमारे जीवन में गाय की अत्यंत महत्ता है। गाय की देखभाल करना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमारे जिले के अनेक भामाशाहों ने समय-समय पर गौ संवर्द्धन के लिए भरपूर सहयोग दिया है। राज्य सरकार भी इस दिशा में संकल्प भावना के साथ कार्य कर रही है।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि वर्तमान में जिले की 112 गौशालाओं को लगभग 20 करोड़ रुपये का अनुदान त्रैमासिक आधार पर दिया जा रहा है। गौशालाओं के जमीन आवंटन से जुड़े प्रकरणों को नियमानुसार अतिशीघ्र निस्तारित करने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि जिले में गौशालाओं और पशुपालन विभाग के बीच सामंजस्य अनवरत बना रहे।
गोपालन विभाग के निदेशक डॉ.लालसिंह ने  कहा की राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप गौशालाओं को दिए जाने वाले अनुदान की प्रक्रिया को सरल किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लगभग 650 करोड रुपए की लागत से राज्यभर में 343 नंदीशालाएं खोली जा रही है। गौशालाओं में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए दस लाख रूपये अनुदान की प्रक्रिया को भी आसान किया गया है। राज्य सरकार द्वारा गौशाला संचालकों को कोई परेशानी ना हो उसके लिए ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया शुरू की गई है। इस दौरान भामाशाहों का सम्मान किया गया। संयुक्त निदेशक डॉ. ओ पी किलानिया ने स्वागत उद्बोधन दिया।
इस अवसर पर सूरजमाल सिंह नीमराना, उदयराम यादव, अभयपाल और ललित दाधीच ने विचार रखे। कार्यक्रम में विभाग के अतिरिक्त निदेशक हुक्माराम सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
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