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बीकानेर,जोड़बीड़ गढ़वाला कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र में जंगली जानवरों को आश्रय देने के लिए 800 हेक्टेयर का घेरा बनाया जाएगा।

इसमें बीकानेर ही नहीं संभाग के चारों जिलों के वन्यप्राणियों को रखा जा सकता है। वन विभाग ने संभाग के चार जिलों बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चुरू को जोडबीड़ में वन्य जीवों विशेषकर हिरणों के आश्रय स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है।

इसमें 11.82 किमी की परिधि के साथ 800 हेक्टेयर का घेरा होगा। वन्य जीवों को सुरक्षित रखने के लिए 1.60 किमी दीवार व 10.22 किमी चेन लिंक फेंसिंग की जाएगी। इस आश्रय स्थल पर संभाग के चार जिलों के वन्य जीवों के पुनर्वास की योजना है क्योंकि वर्तमान में घायल पशुओं को स्वस्थ होने के बाद वापस जंगल में छोड़ने की बड़ी समस्या है.

जोड़बीड़ गढ़वाला कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र में कुत्तों की संख्या काफी अधिक है, जिससे वन्य जीवों को खतरा है। एनक्लोजर बनने से वन्य जीवों को सुरक्षित आवास मिलेगा और बड़ा शेल्टर विकसित होगा।

जोडबीड बड़ा पर्यटन केंद्र बनेगा

जोड़बीड़ में वन विभाग के पास 5646 हेक्टेयर जमीन है। इतनी जमीन शहर के 10-12 किमी के दायरे में कहीं नहीं है। जहां विदेशों से पक्षी आते हैं वहां गिद्ध संरक्षण क्षेत्र बनाया गया है। यहां बाड़ा बनाने और पेड़ लगाने से गिद्धों, रैप्टर्स और अन्य वन्य जीवों को आश्रय मिलेगा। पक्षी प्रजनन भी कर सकेंगे क्योंकि वर्तमान में जोडबीड़ में रैप्टर और गिद्धों के प्रजनन की सूचना नहीं है। जोड़बीड़ में लव-कुश वाटिका बन रही है। पास में एक ऊंट और घोड़ा अनुसंधान केंद्र भी है जहां पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। वन विभाग की योजना से यह क्षेत्र बड़ा पर्यटन केंद्र बनेगा।

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