बीकानेर,सरकार की नई आबकारी नीति ने आबकारी विभाग की अच्छी खासी परेड करा रखी है। शराब ठेकेदारों को कई तरह के प्रलोभन देने, गारंटी राशि में छूट देने के बावजूद शराब दुकानें नहीं बिक पा रही है। प्रदेशभर में तीन चरण की ई-नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बीकानेर में तीन चरणों में खासी मशक्कत करने के बावजूद अभी तक महज 165 दुकानें ही बिक सकी है। 61 दुकानें अब तक नीलाम नहीं हो पाई है। सरकार दुकानें नहीं बिकने से बेचैन है। सरकार ने दुकानें नहीं बिकने एवं ई-नीलामी में आ रही दिक्कतों के संबंध में 15 अप्रेल को प्रदेशस्तरीय आयुक्तों व जिला आबकारी अधिकारियों की मीटिंग बुलाई है।
जिला आबकारी अधिकारी डॉ भवानीसिंह राठौड़ ने बताया कि बीकानेर में शराब दुकानों की बिक्री के तीन चरण पूरे हो चुके हैं। तीसरे चरण के अंतिम दिन 12 अप्रेल को 39 दुकानों के लिए ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन 16 दुकानें ही बिकी। इनमें दो शहर और 14 ग्रामीण क्षेत्र की थी। जिले में ई-नीलामी के तीन चरणों में अब तक 165 दुकानें बिक चुकी हैं। इन दुकानों से अब तक 213 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है। उन्होंने बताया कि जब तक 61 दुकानों की और नीलामी नहीं हो जाएगी तब तक जिले में 165 दुकानों पर ही शराब बिकेगी। इसके अलावा किसी दुकान पर अवैध रूप से शराब बेची गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। ज्ञात रहे कि जिले में 226 शराब दुकानों में से 86 दुकानों का ही शराब कारोबारियों ने नवीनीकरण कराया था। शेष 140 दुकानों की ई-नीलामी कराई जानी थी। नई आबकारी नीति के चलते 140 में से 61 दुकानें अब तक नहीं बिकी हैं।
जिले में 226 शराब दुकानों से सरकार को 391 करोड़ रुपए मिलने थे लेकिन खासी मशक्कत करने के बावजूद दुकानें नहीं बिकने पर सरकार ने 30 प्रतिशत तक गारंटी राशि घटा दी। इस कारण अब सरकार को बीकानेर जिले से 314 करोड़ रुपए ही मिलेंगे। अब तक 165 दुकानों के बिकने से 213 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है। अब शेष रही 61 दुकानों की ई-नीलामी होने से 101 करोड़ रुपए और मिलने की उम्मीद हैं। नई आबकारी नीति से सरकार को अकेले बीकानेर से 77 करोड़ का घाटा होता दिखाई दे रहा है।
आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार 15 अप्रेल को जयुपर में होने वाली मीटिंग में प्रदेश के कई जिला आबकारी व आयुक्त नपेंगे। सरकार दुकानों के नहीं बिकने से काफी खफा है। ऐसे में जिन जिला आबकारी अधिकारी व आयुक्तों की परफॉर्मेन्स कमजोर है, उनके खिलाफ एक्शन लेने के मूड में हैं। आयुक्त व जिला आबकारी अधिकारियों से सरकार हरेक दुकान का हिसाब-किताब लेगी।