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बीकानेर,रसगुल्ले, गुड़ व तिल के बने लड्डू, लापसी, मेथी के लड्डू सहित पूरे 56 भोग लगाएं। 21 तरह की मिठाइयां बनाई गईं। तरह-तरह के पकवान बनाए गए। यह सब 56 गायों समेत 2800 पशुओं के लिए हुआ।

बीकानेर से 30 किमी दूर देशनोक स्थित करणी माता मंदिर के भक्तों ने शुक्रवार को यह अनोखा छप्पन भोग रखा।

इसके लिए मंदिर के पास स्थित गौशाला में छप्पन भोग का बड़ा आयोजन किया गया। पूजा की गई। इसके बाद छप्पन गायों को खड़ा करने के लिए गायों को एक विशेष डिब्बे में लाया गया। हर गाय की पूजा की जाती थी। उन्हें ठंड से बचाने के लिए तरह-तरह के गर्म कपड़े पहनाए गए। इसके बाद वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने गायों को प्रसाद बांटा। छप्पन भोग में गायों को छप्पन तरह-तरह की मिठाई, फल आदि का भोग लगाया जाता था।

इस छप्पन भोग में 21 तरह की मिठाइयां होती थीं। इसमें लापसी, पौष्टिक मेथी के लड्डू, रसगुल्ला, गुड़ और तिल के लड्डू भी शामिल थे। इसके अलावा फलों और सब्जियों में सेब, केला, अनार, खीरा, खीरा, लौकी, गोभी, टमाटर, भिंडी, मूला, पालक, गाजर आदि भी दिए गए।

आयोजकों का मानना है कि गाय ही एकमात्र ऐसा जानवर है जिसमें सभी देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में गाय को छप्पन का भोग लगाने से प्रसाद सभी देवी-देवताओं तक पहुंचता है। इसी भावना के साथ बीकानेर में पशुओं के लिए छप्पन भोग का आयोजन किया जाता है।

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