बीकानेर, गंगाशहर स्थित कोचर सर्किल पर स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व विधायक स्व. रामरतन कोचर की 40वीं पुण्यतिथि मनाई गई। आयोजन से जुड़े जानकीनारायण श्रीमाली ने बताया कि समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल, जिला कलक्टर भगवतीप्रसाद कलाल रहे तथा मुख्य वक्ता डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ मगन कोचर ने भजन की प्रस्तुति से किया। स्वागत भाषण धर्मचन्द जैन ने दिया तथा आभार वल्लभ कोचर ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन जितेन्द्र कोचर, सरोज कोचर व सुमित कोचर ने किया। श्रद्धा महनोत ने तिलक से स्वागत किया। समारोह में नीलम सिपानी, जयचन्दलाल डागा, डीपी पचीसिया, डॉ. धनपत कोचर, कन्हैयालाल बोथरा व संतोष जैन ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर निर्मल धारीवाल, सुरेन्द्र बद्धानी, किशोर कोचर, जेठमल कोचर, निर्मल पारख, जयनारायण सोनी, शांतिलाल कोचर, महबूब भाई, वल्लभ कोचर व विजय कोचर द्वारा दो जनों को ट्राई साइकिल, एक व्यक्ति को व्हील चेयर, सरकारी विद्यालय के 31 बच्चों को शाला पोशाक तथा 10 जरुरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित की गई।
समारोह में सम्मानित बलवीर सिंह करुण ने कहा कि बीकानेर से उनका काफी लगाव है तथा यहां की साम्प्रदायिक एकता को देश में मिसाल बताया। करुण ने यहां के वरिष्ठ कवियों का उल्लेख करते हुए उनके साथ बिताए गए संस्मरण भी साझा किए तथा चुनिन्दा कविताओं का भी वाचन किया। करीब 84 वर्षीय वीररस के कवि बलवीर सिंह करुण ने कहा कि स्व. रामरतन कोचर जैसे महापुरुषों की देन है यह बीकानेर नगरी और ऐसे विरले पुरुषों की पहचान है बीकानेर।
समारोह को सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर भगवतीप्रसाद कलाल ने कहा कि धन्य है स्व. कोचर जिनकी पीढिय़ां इतने वर्षों बाद भी उनके बताए मार्ग पर चल रही हैं और निरन्तर सेवा कार्य में जुटी हैं। कलक्टर कलाल ने कहा कि पुण्यतिथि को सद्भावना दिवस के रूप में मनाना तथा ट्राइसाइकिल, स्कूली पौशाक व महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित कर स्व. कोचर को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।
मुख्य वक्ता इन्दूशेखर तत्पुरुष ने कहा कि जिनके गुण जिन्दा हैं, वो हमेशा अमर हैं। व्यक्ति मर सकता है लेकिन व्यक्तित्व नहीं मरता। साहस, सहिष्णुता और संकल्प के साथ जीवन जीने वाले स्व. रामरतन कोचर हमेशा अमर रहेंगे। स्व. कोचर ने देश की सेवा व धर्म की रक्षा में कभी कोई कमी नहीं रखी। आज भी उनकी पीढ़ी धर्म व सेवा के क्षेत्र में अग्रणी रहती हैं।
पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल ने कहा कि अकाल के समय राजस्थान रिलीफ सोसायटी का गठन कर किसानों व ग्रामीणों के लिए तन-मन-धन से कार्य किया। यही कारण है कि वे जनमानस में आज भी लोकप्रिय हैं और भाईजी के नाम से जाने जाते हैं। बेनीवाल ने कहा कि स्व. कोचर कहते थे कि खादी मात्र एक कपड़ा नहीं बल्कि विचारधारा है।
इन्होंने दी श्रद्धांजलि
सीताराम कोचर, मनोज सेठिया, इन्द्रचन्द बच्छावत, आदूराम भाटी, गोपालराम कुकणा, निर्मल पारख, किशोर बांठिया, सुमति बांठिया, राजेश भोजक, श्यामसुंदर गहलोत, कन्हैयालाल बोथरा, हजारी देवड़ा गुलाम मुस्तफा हेमंत सिंगी, विजय कोचर, सुरेंद्र कोचर, कुनाल कोचर, गायत्रीप्रसाद शर्मा, यज्ञप्रसाद शर्मा, हारून राठौड़, मकसूद अहमद, मुरली गहलोत, सांवर गहलोत, गिरिराज पारीक, डॉ. मिर्जा हैदर बैग, सलीम भाटी, बिशनाराम चौधरी, सुषमा बारुपाल, अर्जुनराम कुकणा, महेन्द्र पुगलिया, माणक कोचर, सीताराम सुथार, हीरु खां टावरी, गिरिराज खेरिवाल, सिपानी, सोहनलाल चौधरी, नंदराम गोदारा, नवरतन डागा, दिलीप कतेला, विजय भंसाली, कैलाश गहलोत, बजरंग भाटी, हनुमान चौधरी, नित्यानन्द पारीक, कमल बोथरा, रूपाराम गोदारा, अशोक महनोत, हसन अली गौरी, सुरेश गोलछा, सुशील पारीक, बीरबल कोचर, राजेन्द्र कोचर, महावीर चारण आदि ने पुष्पांजलि अर्पित की।