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जयपुर,करीब डेढ़ दशक पहले राज्य के शहरी इलाकों में खनन लगभग पूरा हो चुका था। लेकिन अब शहरों में हो रही अवैध खनन गतिविधियों को देखते हुए राज्य सरकार ने छह शहरों में कानूनी खनन को फिर से स्थापित करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।जयपुर, जोधपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर और जैसलमेर में इस साल के अंत तक खनन शुरू हो सकता है। एक विशेष समिति का भी गठन किया गया है। खान विभाग के अनुसार अगर इन स्थलों पर खनन की अनुमति दी जाती है तो सरकार को सालाना 400 से 500 करोड़ रुपये की आय होगी। साथ ही 10 से 15 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिलेगा। खान विभाग के एसीएस सुबेध अग्रवाल ने कहा- शहरी विकास विभाग के साथ समन्वय। ताकि खनन पट्टे की ई-नीलामी नियमानुसार हो सके।

कहानी अब तक: शहरी विकास विभाग ने शहरी निकाय क्षेत्रों में एनओसी के आवंटन के लिए 5 अक्टूबर 2017 को दिशा-निर्देश जारी किए। इसके बाद 7 जनवरी 2020 को हुई बैठक में मुख्य सचिव ने इसे आसान बनाने के निर्देश दिए। 6 मई 2022 को हुई सचिवों के समूह की बैठक में खान विभाग और शहरी विकास विभाग को समन्वय से दिशा-निर्देश जारी करने को कहा गया है।

10 हजार लोगों के लिए खुलेंगी नौकरियां
शहरी खनिज क्षेत्र (हेक्टेयर में) मात्रा (एमटी) राजस्व (करोड़)
जयपुर चेजा स्टोन 64.50। 287.50 25-30
जोधपुर बलुआ पत्थर 1761.16 962.20 100-125
जैसलमेर पीला चूना पत्थर 188.10 3 37.70
अजमेर चेजा स्टोन/ग्रेनाइट 728.74 – 120-150
बीकानेर बॉल क्ले/सिलिका सैंड 500 65 7-8
भीलवाड़ा लौह अयस्क – 53.72 78
चिनाई का पत्थर 1100 850 51

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