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बीकानेर,बीकानेर में पहली बार विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया गया। इस मौके पर बर्ड क्लब के सदस्यों ने दियात्रा तालाब पर बर्ड वॉक किया और प्रवासी पक्षियों के कैमरे में कैद किए।

मध्य एशिया से इन दिनों बड़ी संख्या में पक्षी केलायत के दयत्र तालाब पर सर्दी बिताने आते हैं। बर्ड क्लब के सदस्यों ने वहां पहुंचकर करीब 40 प्रजातियों की पहचान की। सभी ने अपनी तस्वीरें लीं। पक्षियों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान किया। क्लब के डॉ. जितेंद्र सालंकी ने बताया कि ज्यादातर जलपक्षी थे। बार हेडेड गूज, पेंटेल, नॉर्थम शोवेलर, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, हैरियल और येलो फुटेड ग्रीन पिजन भी देखे गए। पक्षी विशेषज्ञ डॉ. प्रताप सिंह ने प्राकृतिक सौंदर्य को बचाने की जानकारी साझा की।

इसलिए जरूरी है वेटलैंड्स पक्षी विशेषज्ञ डॉ. प्रताप सिंह ने बताया कि वेटलैंड्स पृथ्वी पर जैव विविधता वाले हॉट स्पॉट हैं, यानी ऐसे स्थानों पर ज्यादातर प्रकार के पौधे और जानवर पाए जाते हैं. ऐसे स्थानों पर प्रवासी पक्षी भी आकर ठहरते हैं।

भारत के कुछ आर्द्रभूमि: डॉ. जितेंद्र सालंकी ने कहा कि भारत में कुल 54 आर्द्रभूमि स्थल हैं जिन्हें रामसर स्थल के रूप में जाना जाता है। इनमें से कुछ ओडिशा में चिल्का झील, लद्दाख में सोमोरीरी झील, असम में दीपोर भील झील, मणिपुर में लोकटक झील और सांभर झील हैं।

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