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बीकानेर, कोविड के खौफनाक दो साल के बाद बीकानेर के आचार्य तुलसी कैंसर अनुसंधान एवं उपचार केंद्र में एक बार फिर से बोन मैरो ट्रांसप्लांट शुरू हो गया है, जिससे एक बार फिर कैंसर मरीजों की जान बच रही है और गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने की उम्मीद जागी है.एक मरीज का ट्रांसप्लांट कर छुट्टी दे दी गई है। इसके साथ ही इस केंद्र में अब तक 13 प्रत्यारोपण किए जा चुके हैं।

अच्छी बात यह है कि एक को छोड़कर अब तक ट्रांसप्लांट किए गए सभी मरीज ठीक बताए जा रहे हैं। एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत हो गई। साथ ही एक राहत की खबर यह भी है कि अब मरीजों को बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए पैसों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. सरकार ने इस बीमारी के इलाज के लिए आयुष्मान चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना में 4.50 लाख का पैकेज शामिल किया है। बीकानेर में इस योजना के तहत पहला पौधारोपण करने की तैयारी कर ली गई है। यह पहला फ्री ट्रांसप्लांट एक ऐसी महिला का होगा, जिसके सभी टेस्ट और प्राथमिक प्रक्रियाएं हो चुकी हैं। अब इसी महीने ट्रांसप्लांट की संभावना है। हर महीने 15 मरीजों को ट्रांसप्लांट की जरूरत, तीन साल में 13 : बीकानेर के कैंसर अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को देखें तो औसतन हर महीने 15 मरीज ऐसे हैं जिनका ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. इसके अलावा चार साल में 13 मरीजों का ट्रांसप्लांट किया जा चुका है। कारण, इस केंद्र में दो ही ट्रेंड डॉक्टर हैं। कोई अलग इकाई नहीं।

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