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बीकानेर,शांति निकेतन, गंगाशहर। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, गंगाशहर के द्वारा आज शांति निकेतन में 30 वां विकास महोत्सव आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुनिश्री श्रेयांश कुमार जी ने कहा के आचार्य श्री तुलसी का व्यक्तित्व विलक्षण था। उन्होंने समाज को विकास के अनेक अवदान दिए। जिसमें अणुव्रत, ज्ञानशाला, उपासक श्रेणी, समण श्रेणी, महिला विकास, संगठन विकास, साध्वी शिक्षा, आगम संपादन जैसे अनेकों नाम है। अवदानों की एक लंबी श्रृंखला है। उन्होंने विकास महोत्सव के उपलक्ष में गीतिका का भी संगान किया। शासनश्री साध्वीश्री शशिरेखा जी ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी विकास के शलाका पुरुष थे। वे विकास के पुरोधा थे। उन्होंने संघ के विकास के साथ-साथ मानवता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें ऐसे महान आचार्य का सान्निध्य व मार्गदर्शन मिला। साध्वी श्री ललितकला जी ने कहा कि आचार्य तुलसी का व्यक्तित्व सतरंगी था। उन्होंने आचार्य श्री तुलसी के जीवन प्रसंग सुनाए। मुनि श्री विमल बिहारी जी ने कहा कि आज हम 30 वां विकास महोत्सव मना रहे हैं। आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने गणाधिपति श्री तुलसी के पट्टोत्सव को विकास महोत्सव के रूप में मनाना प्रारंभ किया। साध्वीश्री प्रभाश्री जी ने कहा कि गुरुदेव तुलसी शब्दों से ही नहीं वरन् अपने जीवन से भी शिक्षा प्रदान करते थे। साध्वी श्री समृद्धि प्रभा जी ने गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्री मनोज छाजेड़ द्वारा मंगलाचरण से किया गया। कन्या मंडल की कन्याओं ने गीतिका का संगान किया। तेरापंथी सभा के कोषाध्यक्ष जतन संचेती, महिला मंडल अध्यक्षा संजू लालानी, युवक परिषद के संगठन मंत्री रोहित बैद, किशोर मंडल के सहसंयोजक विशाल सेठिया ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम का सफल संचालन सभा मंत्री रतनलाल छलाणी ने किया।

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