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दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 3 करोड़ 32 लाख की ठगी के आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि आरोपी ने राजस्थान के खाटूश्याम मंदिर के पुजारी और उसके रिश्तेदारों के साथ ठगी की थी.इस मामले में पीड़ितों से कहा गया था कि उनका पैसा शेयर बाजार में लगाया गया है. इससे उन्हें काफी फायदा होने वाला है. जब पैसे के बारे में कुछ पता नहीं चला तो मामले की शिकायत पुलिस से की गई.

जानकारी के अनुसार, आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को शिकायत मिली थी कि राजस्थान के खाटूश्याम जी मंदिर में पुजारी और उसके रिश्तेदारों को आरोपी से मिलवाया गया था. पीड़ितों को बताया गया था कि आरोपी मनीष बोहरा और उसके साथी शेयर बाजार के कारोबारी हैं.

मनीष बोहरा और उसके साथियों ने पीड़ितों को आश्वासन दिया कि यदि वे अपनी मेहनत की कमाई को अलग-अलग प्रतिष्ठित कंपनियों के जरिए शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो उन्हें बड़ा फायदा होगा, धन दोगुना हो जाएगा. इस तरह की बातों में आकर शिकायतकर्ता और उसके रिश्तेदारों ने 3.32 करोड़ रुपये की रकम कपिल बोहरा को दे दी.

आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी रवि कुमार सिंह के मुताबिक, आरोपी मनीष बोहरा ने पीड़ितों को ईमेल कर बताया कि उन्होंने कई कंपनियों में उनके निवेश किए गए पैसे से बड़े पैमाने पर शेयर खरीदे हैं. हैरानी की बात यह है कि 3 करोड़ से ज्यादा के निवेश का कोई भी कागज पीड़ितों को नहीं दिया गया था, जिससे उनका शक गहराता गया. बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि उसके करोड़ों रुपए का किसी भी कंपनी में कोई निवेश नहीं किया गया है. इसके बाद पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की.

ईओडब्ल्यू की जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने पीड़ितों से बैंकिंग चैनल और कैश भी पैसा लिया था. जांच के दौरान धारा 41A सीआरपीसी के तहत एक नोटिस आरोपी मनीष बोहरा और कपिल बोहरा को जारी किया गया था, लेकिन कई रिमाइंडर के बावजूद वो जांच में शामिल नहीं हुए. इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा ने दोनों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट हासिल किया. 9 जुलाई को मनीष बोहरा को राजस्थान के जोधपुर से गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 3 करोड़ 32 लाख की ठगी के आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि आरोपी ने राजस्थान के खाटूश्याम मंदिर के पुजारी और उसके रिश्तेदारों के साथ ठगी की थी.इस मामले में पीड़ितों से कहा गया था कि उनका पैसा शेयर बाजार में लगाया गया है. इससे उन्हें काफी फायदा होने वाला है. जब पैसे के बारे में कुछ पता नहीं चला तो मामले की शिकायत पुलिस से की गई.

जानकारी के अनुसार, आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को शिकायत मिली थी कि राजस्थान के खाटूश्याम जी मंदिर में पुजारी और उसके रिश्तेदारों को आरोपी से मिलवाया गया था. पीड़ितों को बताया गया था कि आरोपी मनीष बोहरा और उसके साथी शेयर बाजार के कारोबारी हैं.

मनीष बोहरा और उसके साथियों ने पीड़ितों को आश्वासन दिया कि यदि वे अपनी मेहनत की कमाई को अलग-अलग प्रतिष्ठित कंपनियों के जरिए शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो उन्हें बड़ा फायदा होगा, धन दोगुना हो जाएगा. इस तरह की बातों में आकर शिकायतकर्ता और उसके रिश्तेदारों ने 3.32 करोड़ रुपये की रकम कपिल बोहरा को दे दी.

आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी रवि कुमार सिंह के मुताबिक, आरोपी मनीष बोहरा ने पीड़ितों को ईमेल कर बताया कि उन्होंने कई कंपनियों में उनके निवेश किए गए पैसे से बड़े पैमाने पर शेयर खरीदे हैं. हैरानी की बात यह है कि 3 करोड़ से ज्यादा के निवेश का कोई भी कागज पीड़ितों को नहीं दिया गया था, जिससे उनका शक गहराता गया. बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि उसके करोड़ों रुपए का किसी भी कंपनी में कोई निवेश नहीं किया गया है. इसके बाद पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की.

ईओडब्ल्यू की जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने पीड़ितों से बैंकिंग चैनल और कैश भी पैसा लिया था. जांच के दौरान धारा 41A सीआरपीसी के तहत एक नोटिस आरोपी मनीष बोहरा और कपिल बोहरा को जारी किया गया था, लेकिन कई रिमाइंडर के बावजूद वो जांच में शामिल नहीं हुए. इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा ने दोनों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट हासिल किया. 9 जुलाई को मनीष बोहरा को राजस्थान के जोधपुर से गिरफ्तार कर लिया गया.

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