बीकानेर,बीकानेर पश्चिम विधानसभा के चर्चित वोटरलिस्ट धांधली के आरोपों में नया मोड़ सामने आया है। इस मामले में हाईकोर्ट तक जाने वाले अरुण आचार्य ने दावा किया है कि उनकी द्वारा बताए गए नामों में से 20 से 25 प्रतिशत तक डुप्लिकेट एंट्री पाई गई है। आचार्य का कहना है कि बीकानेर पश्चिम के रिटर्निंग अधिकारी एवं अतिरिक्त कलेक्टर जगदीश प्रसाद गौड़ ने इसकी पुष्टि की है।
दरअसल बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में 13 हजार से अधिक नाम फर्जी होने का आरोप कांग्रेस नेता राजकुमार किराडू सहित अन्य नेताओं ने लगाया था। बाद में भाजपा के अध्यक्ष विजय आचार्य ने भी इस मामले की शिकायत की। इस मसले पर कांग्रेस में अंदरुनी छींटाकशी भी चली। मंत्री बी डी कल्ला के एक बयान पर कांग्रेस नेताओं ने विरोध जताया था।
वोटर लिस्ट में हुई अनियमितता एवं धाँधलेबाज़ी के संबंध में पूर्व में भाजपा नेता अरुण आचार्य इस मसले की शिकायत करने ज़िला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी भगवती प्रसाद कलाल से मिलने गए। आचार्य का आरोप है कि कलक्टर द्वारा जांच के संबंध में उपयुक्त जवाब नहीं देने व अभद्र व्यवहार करने के कारण गत 6 अक्टूबर को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। उच्च न्यायालय ने एक आदेश जारी करते हुए Representation of people Act 1950 के section 22 को ध्यान में रखते हुए निर्णीत करने का आदेश चुनाव आयोग, राजस्थान व जिला निर्वाचन अधिकारी बीकानेर को दिया।
अरुण आचार्य ने 8 अक्टूबर को पुनः जिला निर्वाचन अधिकारी को माननीय हाई कोर्ट के आदेशों के साथ एक पत्र देकर अलग-अलग तीन सूचियां सैंपल के तौर पर दी। ये इस बात का प्रमाण थी कि कुछ मतदाताओं के नाम एक ही विधानसभा में दो जगह एवं कुछ मतदाताओं के नाम पश्चिम विधानसभा के अलावा दूसरी किसी अन्य विधानसभा में भी जुड़े हुए हैं। इसी क्रम में आज दोपहर जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर बीकानेर पश्चिम के रिटर्निंग ऑफिसर एवं एडीएम सिटी जगदीश प्रसाद गौड़ द्वारा हाई कोर्ट के आदेशों के पश्चात उनके द्वारा की गई जांच की जानकारी देने बाबत आचार्य को कलेक्ट्रट परिसर स्थित अपने कार्यालय बुलाया गया।
अरुण आचार्य का दावा है कि उनके द्वारा जो डुप्लीकेट वोटर्स की सैंपल लिस्ट दी गई थी उसमें से लगभग 20 से 25% वोटर्स डुप्लीकेट पाए गए हैं। इनमें से किसी का नाम पश्चिम विधानसभा में ही दो जगह है तो किन्ही वोटर्स का नाम पश्चिम विधानसभा के अलावा किसी अन्य विधानसभा में भी है। जब रिटर्निंग ऑफिसर जगदीश प्रसाद गौड़ से उनके द्वारा की गई जांच की प्रतिलिपि मांगी गई तो उनके द्वारा 24 घंटे के अंदर प्रतिलिपि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया ।
अरुण आचार्य का कहना है कि इस सम्पूर्ण घटनाक्रम से यह प्रमाणित होता है कि 13,343 फर्जी मतदाताओं के संबंध में उठाये गए मसले में एक सामान्य एक्सरसाइस करके प्रशासन स्वयं यह स्वीकार कर रहा है कि 20-25 % धांधली इसमें पाई गई है। यदि समस्त राजनीतिक संगठन एवं नेता आमजन के सहयोग से इस धांधली का विरोध कर इसकी गहनता से जांच करवाएं तो हो सकता है कि लगभग सभी 13,343 मतदाताओं में से 50% वोटर्स में अनियमितताएं मिले।