Trending Now












बीकानेर। बीकानेर स्थित शिक्षा निदेशालय का दिव्यांग विद्या विद्यार्थियों के लिए किया प्रयास सुर्खियों में है शिक्षा विभाग के मिशन समर्थ को केंद्र सरकार के शिक्षा एवं मानव संसाधन मंत्रालय ने देशभर में लागू करने का निर्णय किया है। इस अभियान में कोरोनाकाल में विद्यार्थियों के स्कूल आने पर रोक के दौरान दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए उनकी भाषा में ऑडियो वीडियो तैयार कर शिक्षकों ने घर जाकर विद्यार्थियों को शिक्षण करना शुरू किया है। शिक्षा निदेशक सौरव सामी के इस नवाचार को यह अभी 10 ही दिन हुए हैं इसके सकारात्मक पक्ष को देखते हुए केंद्र सरकार के शिक्षा एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस मॉडल को पूरे देश में लागू करने का मानस बनाया है इसके लिए मंत्रालय ने शिक्षा निदेशालय से गाइडलाइन मांगी है इसे एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। मिशन समर्थ अभियान के तहत दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए उनकी भाषा में ही वीडियो बनाए गए साथ ही घर-घर जाकर पढ़ाने का काम किया था। इन वीडियो में विशेष श्रेणी के शिक्षकों ने दिव्यांग को उनकी लैंग्वेज मैं ही अध्ययन कराना शुरू किया है। दिव्यांग विद्यार्थियों में वे विद्यार्थी हैं जो बोल नहीं सकते है। देख नहीं सकते. सुन नहीं सकते. या चल नहीं सकते। इस प्रकार के विद्यार्थियों के लिए विशेष तरह के वीडियो बनाएं और वर्क बुक तैयार की गई है। राज्य में इस समय सरकारी स्कूल में 88 हजार दिव्यांग विद्यार्थी है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते उनकी शिक्षा व्यवस्था बाधित हो गई थी। उन्हें आगे बढ़ाने के लिए मिशन समर्थ अभियान शुरू किया गया है। शिक्षा निदेशालय समर्थ अभियान को शिक्षा एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में शामिल करने की योजना बनाई है। इसके लिए मंत्रालय ने ट्रायल भी शुरू कर दिया है। इसके लिए राज्य के कुछ दिव्यांग विद्यार्थियों का सहारा भी लिया है। इस अभियान के तहत दिव्यांग विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ाना मुख्य उद्देश्य है क्योंकि कई अभिभावक इस प्रकार के विद्यार्थियों को स्कूल नही भेजते हैं। और वे पढ़ाई में कमजोर रहते हैं। साथ ही समाज की मुख्य धारा में भी जोड़ा जा सके। वहीं दूसरी ओर शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी का कहना है शिक्षा निदेशालय के इस समर्थ अभियान की सफलता को देखते हुए शिक्षा एवं संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे पूरे देश में लागू करेगा। इस संबंध में जानकारी मांगी गई है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की मंशा है कि कोई दिव्यांग विद्यार्थी कोरोनाकाल में पढ़ाई में कमजोर नहीं रहे। इसे देखते हुए विभाग के शिक्षकों से वीडियो तैयार किए और घर-घर जाकर पढ़ाने की योजना बनाई जा रही है राज्य के 88 हजार दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए यह नवाचार किया तो सफल रहा।

Author