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ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (AIRF) का 96वां वार्षिक अधिवेशन (वर्चुअल) संपन्न हुआ। अध्यक्ष एन कनैया ने कांफ्रेंस की शुरुआत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की कथनी एवं करनी में अंतर है। रेलवे के निजीकरण के मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर मनाई करते हैं लेकिन वास्तव में इस कार्य में लगे हुए हैं। रेल कर्मचारियों को सावधान रहने की जरूरत है और भारतीय रेल के अस्तित्व को बचाने के लिए ट्रेड यूनियन आंदोलन को ताकत प्रदान करनी होगी। एआईआरएफ महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कोविड-19 के कारण रेल कर्मचारी उनके परिवारजन सहित देशभर के 4 लाख लोगों की मृत्यु पर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विपदा में रेल कर्मियों ने अनूठी देश सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया है। भारत सरकार एवं रेल मंत्रालय इसका संज्ञान लें एवं रेलों में कार्यरत विभिन्न कैटेगरी के कर्मचारियों की जायज मांगों का प्राथमिकता के साथ सकारात्मक निपटारा करें। कान्फ्रेंस को रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, अध्यक्ष रेलवे बोर्ड श्री सुनीत शर्मा, अपर सदस्य(एचआर) श्रीमति अल्का अरोड़ा मिश्रा, महाप्रबन्धक उत्तर रेलवे सहित अनेक अधिकारियों ने भी संबोधित किया। सभी ने उम्मीद जाहीर की कि ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन पूर्ण सकारात्मकता के साथ रेलवे की प्रगति मे योगदान देता रहेगा। उन्होने कहा कि रेल कर्मचारियों की कार्यशैली, समर्पण एवं कर्तव्य परायणता का कोई मुक़ाबला नहीं हैं। रेलकर्मियों के कल्याण के लिए एवं उनकी जायज मांगो के लिए रेल मंत्रालय सकारात्मक कार्यवाही करेगा। कांफ्रेंस के दौरान एआईआरएफ़ के सहायक महामंत्री मुकेश माथुर ने रेल कर्मियों की मांगों का प्रस्ताव रखा, जिसमें भारतीय रेल का निजीकरण नहीं करने, रेल कर्मियों को कोविड-19 की सुविधाओं के लिए फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने, महंगाई भत्ता एवं राहत के एरियर का भुगतान करने, रात्रि ड्यूटी करने वाले सभी कर्मचारियों को रात्रि ड्यूटी भत्ता भुगतान करने, बोनस भुगतान की ₹7000 की सीमा हटाने, सीधी भर्ती के पदों को कम करके उन्हें एलडीसीई बनाकर ओपन टू ऑल करने, इंजीनियर एवं अन्य पर्यवेक्षकों को ग्रेड वेतन ₹4800, 5400 का लाभ प्रदान करने, सभी कर्मचारियों की ड्यूटी 8 घंटे सीमित करने, पॉइंट्समेन को लेवल-6 तक का लाभ प्रदान करने, रनिंग स्टाफ की ₹4600, 4800 ग्रेड वेतन में एमएससीपी लाभ एवं किलोमीटर भत्ता में आयकर राहत प्रदान करने, कारखाना सहित विभिन्न विभागों के रिक्त पद शीघ्र भरने, सभी संरक्षा कोटी स्टाफ को जोखिम एवं हार्ड ड्यूटी भत्ता प्रदान करने, एसएंडटी सहित बकाया कोटि स्टाफ की संवर्ग पुनसंरचना करने, जीडीसी नियमित रूप से आयोजित की जाए, पेट्रोलिंग बीट 12 किलोमीटर से अधिक नहीं हो, ट्रैकमेंटेनर को ग्रेड वेतन ₹4200, संक्रमण भत्ता प्रदान किया जाए, इंटक का प्रतिशत बढ़ाने एवं आयु सीमा की शर्त हटाने, लेवल-1 के 50% पदों को ग्रेड वेतन ₹1900 में अपग्रेड करने, रेलवे अस्पतालों में विशेष चिकित्सक एवं जांच सुविधा बढ़ाने, पास/पीटीओ मैनुअल आधार पर ही जारी करने, विद्युत सहित सभी एस्कॉर्टिंग स्टाफ को गंतव्य स्टेशन पर विश्राम सुविधा देने, टिकट चेकिंग स्टाफ को रनिंग स्टाफ संबंधी सुविधा प्रदान करने आदि सम्मिलित हैं।

 

कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय परिदृश्य, कोविड-19 के कारण जान गवाने वाले रेल परिवार के सदस्यों को नमन, रेल बचाओ देश बचाओ, आयुध कारखानों की हड़ताल के विरुद्ध अध्यादेश को वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण नहीं हो, श्रम कानूनों में बदलाव मंजूर नहीं, महिलाओं की गतिविधियां संबंधी प्रस्ताव भी प्रस्तुत किए गए एवं पारित किए गए। कान्फ्रेंस मे नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन (NWREU) की ओर से महामंत्री मुकेश माथुर, अनिल व्यास जोनल अध्यक्ष अरुण गुप्ता, मनोज परिहार, आर के सिंह, मुकेश चतुर्वेदी, मोहन चेलानी, विनीत मान, प्रमोद यादव, महेंद्र व्यास,मीना सक्सेना, राणा पूर्ण चंद्र दीप सिंह, दिनेश सिंह, गजानन्द, कमलेश शर्मा, गोपाल मीना, के एस अहलावत, राम लाल मीना बीकानेर मंडल से इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस मे

कॉम विजय श्रीमाली,मोहम्मद सलीम क़ुरैशी, ज्योति माथुर ( महिला प्रतिनिधि ) कॉम ब्रजेश ओझा,(बीकानेर शाखा) कॉम गणेश वशिष्ठ, कॉम पवन कुमार बीकानेरी (लालगढ़ शाखा) कॉम नरेंद्र भारद्वाज , कॉम होशियार सिंह (भटिंडा शाखा), कॉम सुभाष मीना, कॉम इकबाल सिंह बराड़ (हनुमानगढ़ शाखा) ,कॉम प्रेम सैनी, कॉम हुकम मीना ( सिरसा शाखा),कॉम जसविंदर सिंह, कॉम सच्चिदानंद (श्रीगंगानगर शाखा),कॉम शशिप्रकाश लोहान , कॉम कृष्ण कौशिक,(हिसार शाखा) कॉम नवल यादव , कॉम शमशेर यादव, (चूरू शाखा) कॉम रामसिंह मीना कॉम महेंद्र सिंह बगडिया, ( रतनगढ शाखा) कॉम बहादुर सिंह ( सूरतगढ़ शाखा) कॉम दिनेश सिंह , कॉम मुस्ताक अली (कार्यशाला-लालगढ़) सहित 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने वर्चुअल कान्फ्रेंस में भाग लिया।

 

 

 

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