बीकानेर। हल्दीराम प्याऊ के समीप रहने वाले बीएसएफ से चीफ मेडिकल ऑफिसर कमांडेट के पद से रिटायर्ड हुए 75 वर्षीय डॉ. शिवराजसिंह ने पुलिस को बताया कि उसका गजनेर रोड स्थित ओबीसी बैंक में खाता है। यहां के बैंक अधिकारी ने निर्मल कामरा निवासी पवनपुरी से उनकी करवाई।
उन्हें बताया कि कामरा यहां के बड़े कपड़ा व्यवसायी है। मुलाकात के बाद कामरा ने डॉ. से ढाई लाख रुपए उधार लिए। फिर तय समय पर राशि लौटा दी। कुछ समय बाद निर्मल कामरा व उनकी पत्नी ममता कामरा ने कई चरणों में उससे डेढ़ करोड़ रुपए नकद और बैंक खातों में जमा करवा लिए। यह राशि लौटाकर आरोपियों ने उनका विश्वास जीत लिया।
आरोपियों ने उसके बाद पवनपुरी में मकान बनाने का कहकर अलग-अलग तारीखों पर नौ करोड़ 47 लाख रुपए ले लिए। तकाजा करने पर आरोपियों ने रुपए नहीं लौटाए। बाद में यह झांसा दिया कि उनकी लक्ष्मी विहार योजना कॉलोनी है, जिसमें 17 भूखंड उन्हें दे दिए जाएंगे।
आरोपियों ने डॉ. के साथ इकरारनामा भी कर लिया। जब प्लाट के दस्तावेज नहीं दिए तो उन्होंने यूआईटी में संपर्क किया। वहां से मालूम चला कि उक्त प्लाट आरोपी पहले ही बेच चुके है। फर्जी दस्तावेज बनाने में आरोपियों का मुनीम हरीप्रसाद ने भी साथ दिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।