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नई दिल्ली।  बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने , गजट नोटिफिकेशन जारी कर वकीलों से कही ये बात बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि वकील जजों के खिलाफ अपमानजनक (Derogatory/Defamatory) शब्द का प्रयोग या टिप्पणियां नहीं कर सकते हैं. कई वरिष्ठ वकीलों ने सोशल मीडिया के जरिये या टीवी पर जजों के आचरण की तीखी आलोचना की है. बार काउंसिल के फैसलों के खिलाफ भी बोला है, ऐसे में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अब इस तरह की आलोचना को रोकने के लिए नियमों में संशोधन किया है. है कि मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा था कि उन वकीलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करनी चाहिए जो सार्वजनिक रूप से अपने अनियंत्रित आचरण के कारण कानूनी बिरादरी को अपमानित करते हैं. इसी के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने नियमों में संशोधन किया है. बार काउंसिल के नियमों के मुताबिक, एक अधिवक्ता (वकील) अपने दैनिक जीवन में अच्छा आचरण करेगा और वह कोई भी गैरकानूनी कार्य नहीं करेगा. वह प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया में कोई बयान नहीं देगा. जो किसी भी कोर्ट या जज या न्यायपालिका के किसी सदस्य के खिलाफ, या स्टेट बार काउंसिल या बार काउंसिल ऑफ इंडिया के खिलाफ हो.पूरे गांव में छाया मातम बार काउंसिल या बार काउंसिल ऑफ इंडिया और इस तरह के किसी भी कार्य/आचरण को कदाचार माना जाएगा और ऐसे वकील अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा -35 या 36 के तहत कार्यवाही के लिए उत्तरदायी होंगे. संशोधित नियमों में यह भी कहा गया है कि इस आचार संहिता के उल्लंघन से बार काउंसिल की सदस्यता निलंबित या छीनी जा सकती है, जिसका अर्थ है कि वकील को किसी भी कोर्ट में प्रैक्टिस करने से रोक दिया जाएगा. साथ ही किसी भी बार एसोसिएशन या बार काउंसिल के चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित भी कर सकता है. आपको बता दें कि नियमों में यह संशोधन स्टेट बार काउंसिल और देश भर में कई विवादों के बाद आया है. न्यायपालिका की आलोचना और जजों के आचरण पर सोशल मीडिया पर चर्चा, न्यायपालिका और बार के खिलाफ आरोप भी पिछले कुछ वर्षों में बढ़े हैं. TAGSबार काउंसिल ऑफ इंडिया गजट नोटिफिकेशन मद्रास हाईकोर्ट वकील जज BAR COUNCIL OF INDIA GAZETTE NOTIFICATION MADRAS HIGH COURT LAWYER JUDGE

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