बीकानेर,सड़क हादसों में कमी के मामले में बीकानेर पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन हकीकत फिर भी डराने वाली है। महज छह महीने में सड़क हादसों से अकेले बीकानेर में 176 लोगों की मौत हो चुकी है।
पिछले साल इसी अवधि में ये संख्या 178 थी, यानी मौत के आंकड़े में सिर्फ दो की कमी आई है। चिंता की बात ये है कि इसमें बाइक से मौत की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से जून माह तक हुई दुघर्टनाओं में ज़िले में 176 लोगों की मृत्यु हुई जबकि 261 लोग घायल हुए। गत वर्ष इसी अवधि के दौरान हुई दुघर्टनाओं में 178 लोगों मृत्यु हुई तथा 327 व्यक्ति घायल हुए थे। इस वर्ष अलग-अलग हादसों में मरने वालों की संख्या में कोई बड़ी कमी नहीं आई। घायल जरूर 327 से घटकर 261 हो गए हैं। बीकानेर के खाजूवाला और श्रीडूंगरगढ़ में तो बाइक सवार की मौत हुई है। यहां तक कि श्रीडूंगरगढ़ में खेत में हुई तारबंदी से कटकर एक बाइक सवार की मौत हो गई। खाजूवाला में दो बाइक पर चार लोग आमने-सामने भिड़े थे, जिसमें दो की मौत हो गई।
स्पीड पर नियंत्रण
श्रीडूंगरगढ़ में लंबे समय से पुलिस नेशनल हाइवे पर स्पीड चैक कर रही है। इस दौरान लोगों के चालान कट रहे हैं। इससे श्रीडूंगरगढ़ एरिया में हादसों में कमी आई है। वहीं नोखा से आगे नागौर रोड पर भी स्पीड के चालान काटे जा रहे हैं। उधर, पुलिस प्रशासन खुश है कि घायलों की संख्या में बड़ी कमी आई है। प्रशासन का दावा है कि जिले के राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरने वाले दोपहिया वाहन चालकों की सघन हेलमेट जांच, सुरक्षा फिल्म दिखाने तथा नेत्र जांच शिविर आयोजित करने के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। जिले में दुर्घटनाओं व उनमें हताहत हुए लोगों की संख्या में जनवरी से जून माह के दौरान गत वर्ष इसी अवधि की तुलना में कमी आई है। सड़क सुरक्षा समिति की बुधवार को आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि इस वर्ष जनवरी से जून माह तक हुई दुघर्टनाओं में ज़िले में 176 लोगों की मृत्यु हुई जबकि 261 लोग घायल हुए। गत वर्ष इसी अवधि के दौरान हुई दुघर्टनाओं में 178 लोगों मृत्यु हुई तथा 327 व्यक्ति घायल हुए थे।
नोखा और श्रीडूंगरगढ़ एसएचओ से मांगी रिपोर्ट
जिला कलेक्टर ने नोखा व श्रीडूंगरगढ़ थाना क्षेत्र में एसएचओ से विशेष टिप्पणी लेकर रिपोर्ट लेने के निर्देश दिए। साथ ही इन क्षेत्रों में काटे गए चालान व दुर्घटनाओं को कम करने हेतु किए गए प्रयासों के संबंध में भी रिपोर्ट मांगी गई है। ब्लाकवार दुघर्टनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि गंगाशहर, बीछवाल, सदर थाना और पूगल थाना क्षेत्र प्रभारी से हेलमेट,सीट बेल्ट जांच के संबंध में चलाए गए सघन जांच अभियान की रिपोर्ट मांगी है। सेफ्टी आडिट रिपोर्ट पर संयुक्त निरीक्षण नहीं करने पर जिला कलेक्टर ने संबंधित एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा। नेशनल हाइवे पर नेत्र जांच शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। खारा टोल पर आयोजित नेत्र जांच शिविर में गत माह 110 लोगों को मौके पर ही चश्मे भी वितरित किए गए। मौके पर ही चश्मे देने से वाहन चालकों में दृष्टि दोष को लेकर की जा रही लापरवाही में भी कमी आई है ।
दुर्घटना स्थल होंगे चिन्हित
बैठक में जिला कलेक्टर ने जिले में चिन्हित किए गए नये दुर्घटना संभावित प्वाइंट्स का अध्ययन करते हुए दुर्घटनाओं के कारणों पर विस्तार से रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए,जिससे रणनीतिक रूप में कार्यवाही की जा सके। हाइवे के ढाबों पर लगेगी रेलिंग जयपुर रोड स्थित ढाबों आदि पर अगले एक महीने में रैलिंग व रिफ्लेक्टर लगवाने की कार्रवाई पूरी होगी। कलेक्टर ने चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर चालान बढ़ाने व अवैध कट बंद करने का विरोध करने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए। राजमार्गों के किनारे निर्माण सामग्री बेचने , अतिक्रमण करने वालों को नोटिस जारी करें और इसके बाद भी सामग्री नहीं हटाने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाए।
सड़कों पर बने गड्ढों को भरवाने के निर्देश जिला कलेक्टर ने कहा कि नगर निगम, यूआईटी और पीडब्ल्यूडी समन्वय करते हुए शहर के समस्त क्षेत्रों में सड़कों पर बने गड्ढों को भरवाने की कार्यवाही करें। निगम शहर के समस्त खुले चैम्बर को ढकवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि खुले चैम्बर आदि के कारण कोई दुर्घटना हुई तो संबंधित क्षेत्र के जमादार और निगम के अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। बैठक में नगर विकास न्यास सचिव यशपाल आहूजा, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता मुकेश गुप्ता, सीएमएचओ डॉ मोहम्मद अबरार पंवार, जिला परिवहन अधिकारी भारती नैथानी , यातायात प्रभारी रमेश सर्वटे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।