Trending Now




बीकानेर,प्रदेश में 25 से कम नामांकन वाले सरकारी प्राथमिक स्कूलों की सूची बनाई गई है. इसमें जोधपुर में सबसे ज्यादा 831 और सिरोही में सबसे कम 52 स्कूल  हैं.चौंकाने वाली बात ये है कि प्रदेश के 151 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी छात्र का नामांकन नहीं है. माना जा रहा है कि इन्हें बंद किया जाएगा. विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है. शिक्षा मंंत्री ने भी ऐसे ही संकेत दिए हैं.

जयपुर. प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक के ऐसे 10315 प्रारंभिक शिक्षा विद्यालयों की सूची तैयार की गई है, जिसमें नामांकन 25 के आंकड़े को भी पर नहीं कर पाया है. इनमें जोधपुर में सबसे ज्यादा 831 और सिरोही में सबसे कम 52 स्कूल हैं. जबकि राजधानी में 25 से कम नामांकन वाले स्कूलों की संख्या 812 है. वहीं प्रदेश में 151 स्कूल तो ऐसे हैं, जिनमें नामांकन जीरो (151 है. शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने विभागीय प्रक्रिया बताते हुए ऐसे स्कूलों को मर्ज करने का संकेत दिया है. जबकि कम नामांकन वाले स्कूलों पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.

प्रदेश की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने कम नामांकन वाले करीब 20 हजार स्कूलों को मर्ज कर दिया था. उस वक्त कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुए अपने घोषणापत्र में बीजेपी शासन में मर्ज हुए स्कूलों को दोबारा शुरू करने का वादा किया था. सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने इनमें से 5 हजार स्कूलों को दोबारा शुरू भी किया. लेकिन अब 4 साल बाद ऐसे 10315 स्कूलों को चिह्नित किया है, जिनमें नामांकन 25 से कम है.हालांकि इन स्कूलों को मर्ज करने को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. लेकिन इनमें से 151 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें नामांकन जीरो है. इन स्कूलों को मर्ज करना लगभग तय माना जा रहा है. इसे लेकर विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है. वहीं शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने भी इन स्कूलों को मर्ज करने की ओर इशारा किया है.

हर जिले में हैं 25 से कम नामांकन वाले सैकड़ों स्कूल :

अजमेर-177
अलवर-298
बांसवाड़ा-171
बारां-159
बाड़मेर-796
भरतपुर-125
भीलवाड़ा-342
बीकानेर-460
बूंदी-158
चित्तौड़गढ़-276
चूरू-189
दौसा-267
धौलपुर-65
डूंगरपुर-251
गंगानगर-540
हनुमानगढ़-161
जयपुर-812
जैसलमेर-360
जालौर-150
झालावाड़-273
झुंझुनू-472
जोधपुर-831
करौली-243
कोटा-147
नागौर-752
पाली-186
प्रतापगढ़-132
राजसमंद-212
सवाईमाधोपुर-125
सीकर-472
सिरोही-52
टोंक-347
उदयपुर-314

हालांकि शिक्षक संगठनों ने कम नामांकन वाले स्कूलों को मर्ज करने के बजाय, यहां नामांकन वृद्धि के प्रयास करने का सुझाव दिया है. वहीं पूर्वर्ती बीजेपी सरकार में स्कूलों को मर्ज करने का विरोध करने वाली कांग्रेस के दोहरे चरित्र को लेकर सवाल उठाए हैं.

Author