
बीकानेर,कोटा,राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा 14वाँ दीक्षांत समारोह 25 मार्च 2025 को केडीए ऑडिटोरियम, कोटा में आयोजित किया गया। आरटीयू के सह जनसम्पर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने की एवं सम्मानित अतिथि के रूप में गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमा शंकर दुबे उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने विद्यार्थियों को डिग्रियां और स्वर्ण पदक प्रदान किए एवं दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय और सभी छात्र-छात्राओं को बधाई व उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रदान की। कुलसचिव भावना शर्मा ने 14वें दीक्षांत समारोह के समाप्ति पर विश्वविद्यालय की ओर से धन्यवाद ज्ञापन प्रदान किया।
14वें दीक्षांत समारोह में विभिन्न पाठ्यक्रमों में कुल 9521 उपाधियां प्रदान की गई । इनमें पीएचडी के 36, एमटेक के 212, एमआर्क के 1, एमबीए के 745, एमसीए के 595, बीटेक के 7817, बीआर्क के 113 और बीएचएमसीटी के 2 विद्यार्थी सम्मिलित हैं। इस वर्ष कुल 7487 छात्र और 2034 छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई। इस समारोह में कुलाधिपति स्वर्ण पदक कौटिल्य इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग, जयपुर के एमटेक (ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग) पाठ्यक्रम के छात्र आदित्य शर्मा को प्रदान किया गया, जबकि कुलपति स्वर्ण पदक आर्या कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, जयपुर की बीटेक पाठ्यक्रम की छात्रा रश्मि कुमारी को प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, विभिन्न पाठ्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 20 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, जिनमें एमटेक के 4, एमबीए के 1, एमसीए के 1, बीटेक के 13 और बीआर्क के 1 विद्यार्थी शामिल हैं। इन 20 विद्यार्थियों में 11 छात्र एवं 9 छात्राएं सम्मलित हैं। समारोह के दौरान विभिन्न पाठ्यक्रमों में अभियांत्रिकी संकाय के 28, प्रबंधन संकाय में 03 एवं कम्प्यूटर एप्लीकेशन संकाय के 05 सहित कुल 36 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्रियां प्रदान की गई। जिसके अंतर्गत 24 छात्र एवं 12 छात्राएं सम्मिलित है।
14वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने दीक्षांत भाषण प्रदान करते हुए कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं बल्कि आपके एक नये जीवन का आरंभ है। यह वह समय है जब आप अर्जित ज्ञान का उपयोग समाज व देश के प्रति समर्पित कर जन कल्याण हेतु करने के लिए तैयार हुए हैं। तकनीक शिक्षा की पहली आवश्यकता यह है कि हम जो भी बात कहें, तर्क से कहैं। भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बहुत अग्रणी रहा है। तकनीकी शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, यह नवाचार, अनुसंधान और व्यावहारिक ज्ञान का संगम है। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर आधारित है। उन्होंने विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि तकनीकी तथा विशिष्ट ज्ञान के क्षेत्रों के भी पाठ्यक्रम यहां अंग्रेजी के साथ हिन्दी में भी विकसित करें।स्थानीय ज्ञान-विज्ञान से संबंधित शोध एवं अनुसंधान को भी अधिकाधिक मातृभाषाओं में लाने के प्रयास शिक्षण संस्थान करें।
सम्मानित अतिथि गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय, गांधीनगर के कुलपति प्रो. रमा शंकर दुबे ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2006 में स्थापित राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय ने एक समृद्ध विरासत और गौरवशाली इतिहास बनाया है। इसके प्रत्यायन पाठयक्रम प्रदेश में तकनीकी शिक्षा की उच्च गुणवत्ता के प्रमाण हैं। उन्होंने युवाओं को देश और समाज के प्रति अपनी सामाजिक दाइत्वों के निर्वहन का सन्देश देते हुए कहा कि हमारे विद्यार्थी सामाजिक बदलाव के पथ प्रदर्शक हैं, हम सफलता के पाँच मार्गदर्शक सिद्धांत मंत्र’ नवोन्मेषी विचारों से भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कुलपति प्रो.एसके सिंह ने दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे के आगमन एवं सानिध्य के लिए विश्वविद्यालय परिवार के ओर से हार्दिक आभार प्रकट किया। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय का विस्तृत प्रगति विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय सभी सम्बद्ध महाविद्यालयों का विकास एवं छात्रों को प्रदान की जाने वाली शिक्षा को रोजगारपरक एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने हेतु लगातार प्रयास कर रहा है, जिससे राज्य के शिक्षक एवं छात्र तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सम्पूर्ण भारत ही नहीं वरन् विश्व पटल पर अपनी पहचान कायम कर सके। उन्होंने डिग्री तथा स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई व शुभकामनाएं प्रदान की