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जयपुर, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी मुद्दों पर विस्तृत कार्ययोजना बनाकर संबंधित विभाग तथा जिले आपसी समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए परिवहन विभाग जिला कलक्टरों के माध्यम से ओवरलोडिंग, ड्रिंक एण्ड ड्राइव को रोकने तथा हैलमेट लगाने को प्रोत्साहित करने के लिए अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा स्वायत्त शासन विभाग को सड़कों पर दुर्घटना संभावित स्पॉट्स को चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त करने के लिए भी निर्देश दिये।

श्रीमती शर्मा ने यह बात बुधवार को यहां सचिवालय में राज्य स्तरीय यातायात प्रबंधन समिति की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सके, इसके लिए 108 एम्बूलेंस तथा एनएचएआई की एम्बूलेंस 1033 की ट्रेकिंग व्यवस्था पुख्ता की जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के तहत सड़क दुर्घटना में गंभीर घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को इनाम राशि स्वरूप 5 हजार रूपए प्रदान किए जाते हैं। इस योजना का समुचित प्रचार- प्रसार किया जाए, ताकि घायल व्यक्ति की मदद के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि शादी-ब्याह तथा त्योहारों के समय सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा देखा गया है। इसे नियंत्रित करने के लिए मास मैसेजिंग तथा अन्य प्रचार प्रसार के माध्यमों द्वारा ड्राइवरों तथा आम जन को सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारियों के बारे में जागरूक किया जाए।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा श्री अभय कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि आई -रेड (इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) एप के उपयोग से सड़क दुर्घटना से संबंधी लाइव डेटा प्राप्त किया जाता है। उन्होंने बताया कि अब तक इस एप के माध्यम से 33 हजार 200 से अधिक सड़क दुर्घटनाओं की ऑनलाइन प्रविष्टी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य में एम्बूलेंस सेवा के रेस्पॉन्स टाइम को कम करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। वर्तमान में राज्य का रेस्पॉन्स टाइम 14.41 मिनट है, जबकि नेशनल रेस्पोन्स टाइम 20 मिनट है।

इस अवसर पर परिवहन आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति तथा सड़क सुरक्षा संबंधी नवाचारों व सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे विभागीय प्रयासों के बारे में जानकारी दी।

बैठक में नगरीय विकास विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, स्वायत्त शासन विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।

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