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बीकानेर, दसवां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस वेटरनरी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को मनाया गया। ‘योग स्वयं एवं समाज के लिए‘ विषय पर आयोजित योग दिवस पर कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने सम्बोधित करते हुए कहा कि योग एवं प्राणायाम भारत में स्वस्थ जीवन की प्राचीन पद्धति है, जिसको ऋषि मुनि नियमित दिनचर्या के रूप में अपनाते थे एवं स्वस्थ एवं संयमित जीवन यापन करते थे। कुलपति प्रो. गर्ग ने कहा कि हम हमारी पुरातन पद्धतियों एवं जीवन शैली से दूर होते जा रहे है, जिससे हमारी पुरातन ज्ञान धरोहर विलुप्त हो रही है। माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से आज योग एवं प्राणायाम न केवल पूरे भारत में अपितु पूरे विश्व में अपनाया और किया जा रहा है जिसका लाभ समूचे विश्व को मिल रहा है। योग मुद्राओं, प्रक्रियाओं और नियमों के लिपिबद्ध हो जाने से आज यह देश की अमूल्य धरोहर बन गई है। कुलपति प्रो. गर्ग ने सभी को संयमित दिनचर्या अपनाने, योग एवं प्राणायाम को जीवन शैली का नियमित हिस्सा बनाने हेतु प्रेरित किया। योग प्रशिक्षक विनोद जोशी एवं सुधीर भाटिया ने विभिन्न योग मुद्राआंे एवं प्राणायाम का अभ्यास करवाया तथा विभिन्न योग मुद्राओं के लाभ बताये। उन्होंने कहा कि नियमित योग एवं प्राणायाम से असाध्य रोगों से भी छुटकारा मिल सकता है। एन.सी.सी. कैडेट्स द्वारा अश्व पर खडे होकर विभिन्न योग मुद्राओं का प्रदर्शन किया गया जिसकी सभी ने सराहना की। कार्यकारी अधिष्ठाता प्रो. हेमन्त दाधीच ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया एवं योग के महत्व को बताया। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. अनिल बिश्नोई एवं डॉ. अशोक डांगी का सहयोग रहा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रथम महिला श्रीमती मंजू गर्ग सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी, फैकल्टी सदस्य, कर्मचारी, एन.सी.सी. कैडेट्स, एन.एस.एस. के स्वयंसेवक, विद्यार्थी एवं आमजन उपस्थित रहे।

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