बीकानेर पेगासस जासूसी मामले में कांग्रेस अब केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में है. ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ मीडिया रिपोर्ट पर कांग्रेस पार्टी बुधवार को जहां देश के हर राज्य में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी, तो वहीं पार्टी की सभी राज्य इकाइयां गुरुवार को देशभर के सभी राजभवन तक विरोध मार्च निकालेगी. वहीं, मंगलवार को कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अगर ये झूठ है तो मानहानि का केस दायर करो. साथ ही कहा कि सारे सबूत को आप नकार रहे हो. इसके अलावा कहा कि द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स का नाम हमने नहीं लिया. राहुल गांधी, टीएमसी के नेताओं का नाम आया है.खड़गे ने कहा कि जासूसी करना और डराना इस सरकार का काम है.
उधर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये एक गंभीर मुद्दा है और हमें समान विचारधारा वाले लोगों के बीच चर्चा करनी होगी. ये संवैधानिक अधिकार के खिलाफ है. वहीं इससे पहले सोमवार को कांग्रेस ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए राहुल गांधी समेत कई प्रमुख हस्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि इस प्रकरण को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए या फिर उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए.मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की भी जांच हो- कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि पेगासस का उपयोग करके कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग-अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई. साथ ही ये भी कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की भी जांच करनी चाहिए. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस मामले को लेकर कटाक्ष भी किया. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि हम जानते हैं कि वो आपके फोन में सबकुछ पढ़ रहे हैं.
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदी जी, आप राहुल गांधी की फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे थे? आप मीडिया समूहों और चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाकर किस आतंकवादी से लड़ रहे थे? अपने खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद से लड़ रहे थे? कांग्रेस नेता ने ये दावा भी किया कि राहुल गांधी के कार्यालय के कई लोगों की भी जासूसी कराई गई. उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में जो वक्तव्य दिया वो झूठ था.