
बीकानेर,जहाँ एक और हमारी सरकार इस बार जल सरक्षण को लेकर काफ़ी सक्रिय हैँ किन्तु बड़ा ही आश्चर्य की करमीसर गांव क़े पास मुरलीधर व्यास कॉलोनी से सट्टे बीकानेर की प्राचीन धरोहर मुंधड़ा बगेची में राजस्थान की एक मात्र अष्टकोनीय बावड़ी और तालाब जहाँ आज से सैकड़ो साल पहले बीकानेर परकोटे क़े मुंधड़ा चौक निवासी मुंधड़ा परिवार ने परकोटे की जनता की प्यास बुझाने हेतु यहां बावड़ी और तालाब क़े साथ महादेव मंदिर का निर्माण कराया, इस जगह पर बीकानेर क़े संत फूलनाथ जी ने गौर तपस्या की l किन्तु खेद हैँ कि आज इसी तालाब भूमि और बावड़ी में प्राचीन समय में जीतने पानी की आवक क़े रास्ते बनाये गये, उनको कुछ कतिपय लोग बंद करने में लगे हैँ l पिछले चार रविवार से यहां बीकानेर की अग्रणी सामाजिक संस्थाये श्रमशक्ति क़े माध्यम से श्रमदान करके बावड़ी और तालाब की सफाई में लगे हुवे हैँ, इस तपोभूमि से बीकानेर क़े सैकड़ो श्रद्धांलुओं का आत्मिक जुड़ाव हैँ, किन्तु खेद हैँ कि ये कतिपय लोग क्यों यहां की पानी आवक क़े रास्तो को झरनो को बंद करने में लगे हुवे हैँ, साथ ही महादेव मंदिर क़े पीछे प्राचीन समय में पानी का एक गहरा कुंड बनाया, उस कुंड को भी इन कतिपय लोगो ने मिट्टी डलवाकर बंद क़र दिया (आप छायाचित्र में देख सकते हैँ ) इसके पीछे इनकी क्या मंशा हैँ l किन्तु इस मंदिर से जुड़े बहुत बड़े श्रद्धांलुओं में भारी रोष हैँ, इस संबंध में मंदिर से जुड़े अनेक भक्तो ने जिला विकास प्राधिकरण क़े उच्च अधिकारियो क़े संज्ञान में भी लिखित ज्ञापन देकर उनको अवगत करवाया हैँ l किन्तु अभी तक प्रशासन क़े स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की गई हैँ l पिछले रविवार 22 जून को बीकानेर सेवा योजना क़े अध्यक्ष राजकुमार व्यास ने भी यहां श्रमदान कार्यक्रम क़े दौरान इन कतिपय लोगो को पानी की आवक को बंद करते हुवे रोका l श्री व्यास ने बीकानेर क़े समस्त जनप्रतिनिधियो और प्रशासन क़े उच्च अधिकारियो से तुरंत हस्तक्षे प क़र इस प्राचीन धरोहर को बचाने का आग्रह किया हैँ l