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; नई दिल्ली, जुलाई: पूरी दुनिया करीब डेढ़ साल से कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है। इसने पूरी दुनिया के लोगों के ना सिर्फ स्वास्थ्य पर असर डाला है बल्कि आर्थिक तौर पर भी भारी नुकसान किया है। दुनियाभर में कई करोड़ लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं तो 40 लाख से ज्यादा लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं। एक तरफ लोगों को इंतजार है कि कब ये बीमारी खत्म होगी तो वहीं दूसरी ओर कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना अब शायद कभी पूरी तरह से खत्म नहीं होगा।

 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ डॉ समिरन पंडा ने शुक्रवार को कहा है कि बहुत मुमकिन है कि कोरोना वायरस बीमारी देश से पूरी तरह कभी खत्म ना हो, हमेशा ही इसके केस मिलते रहें।

 

उन्होंने कहा कि ये इन्फ्लूएंजा की तरह ही है और अपनी एंडेमिक स्टेज में पहुंच जाएगा। किसी बीमारी के एंडेमिक स्टेज में जाने से मतलब ये है कि वो कभी कम कभी ज्यादा लेकिन हमेशा ही आबादी के बीच रहती है। जैसे कि इन्फ्लूएंजा है।

 

आईसीएमआर के महामारी विज्ञान और संचारी रोग विभाग के प्रभाग के प्रमुख डॉ समीरन ने कहा कि एक बार जब वायरस एंडेमिक स्टेज में पहुंच जाता है, तो फिर इसके लिए वार्षिक टीकाकरण की आवश्यकता हो सकती है। कोविड 19 वायरस भी कुछ समय बाद इन्फ्लूएंजा की तरह एंडेमिक स्टेज में पहुंच जाएगा

 

उन्होंने कहा, आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाने वाला इन्फ्लूएंजा 100 साल पहले एक महामारी थी लेकिन अब ये अपनी एंडेमिक स्टेज में है। यही कोविड -19 के मामले में उम्मीद की जा रही है कि ये महामारी धीरे-धीरे इस स्टेज से बढ़कर एंडेमिक स्टेज में जाएगी। उन्होंने बुजुर्गों को हर साल अपने फ्लू शॉट लेने की सलाह देते हुए कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। जैसे-जैसे इन्फ्लूएंजा वायरस बदलता है होता रहता है, वैसे-वैसे टीके में भी मामूली बदलाव किए जाते हैं

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