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बीकानेर। ऑनलाइन शॉपिंग एक महिला को महंगी पड़ गई। पहले उसने एक फ्रॉक मंगाई। पसंद न आने पर उसे वापस कर दिया। इसके बाद उसके मोबाइल पर फोन आया। फ्रॉक का रिफंड देने के नाम पर बातों में उलझाया और एक-एक कर SBI के खाते से 88 हजार 739 रुपए निकाल लिए। यह पूरा मामला रविवार का है। ऑनलाइन ठगी का शिकार महिला बीकानेर के विश्वकर्मा गेट की रहने वाली है। उसने सोमवार को नया शहर थाने में शिकायत की है। अब पुलिस मोबाइल नंबर के आधार पर साइबर अपराधियों का पता लगाने में जुटी है।

 

5 अगस्त को वापस कर दी थी फ्रॉक

 

विश्वकर्मा गेट के पास रहने वाली चंद्रा पत्नी दिनेश सोनी ने ऐप के माध्यम से ऑनलाइन फ्रॉक खरीदी थी। पसन्द नहीं आई तो 5 अगस्त को फ्रॉक वापस कर दी। इसके बाद रविवार को चंद्रा के मोबाइल पर कई कॉल आए। फोन करने वाला कह रहा था कि फ्रॉक के पैसे वापस करने हैं। चंद्रा ने SBI का अपना खाता नंबर दे दिया। कुछ और गोपनीय जानकारी भी दे दी। इस पर फोन को होल्ड रखने का कहकर ठग ने खाते से 24 हजार रुपए निकाल लिए।

 

रकम वापस करने के बहाने भेजा लिंक

 

24 हजार रुपए खाते से निकालने के बाद साइबर अपराधियों ने चंद्रा को फिर फोन किया। तर्क दिया कि गलती से आपके रुपए हमारे खाते में आ गए। इसे वापस करना है। इसके लिए उन्होंने एक मैसेज भेजा। उस मैसेज में किसी साइट की लिंक थी। चंद्रा ने लिंक पर क्लिक कर दिया। उसके खाते से फोन पे के जरिए पहले 5 हजार, 19 हजार 500 और फिर 10 हजार निकाल लिए गए। फिर मैसेज करके 19,999 रुपए व दो बार में 5-5 हजार रुपए निकाल लिए। इस तरह कुल 88 हजार 739 रुपए निकाल लिए। फिर फोन काट दिया। इसके बाद चंद्रा फोन करती रही, पर कॉल किसी ने रिसीव नहीं किया।

 

बैंक से किया संपर्क

 

काफी देर प्रयास करने के बाद भी जब साइबर अपराधियों से संपर्क नहीं हुआ तो SBI की जस्सूसर गेट ब्रांच गई। वहां से पता चला कि खाते से कई बार में रकम निकाली गई है। सोमवार को इस संबंध में पुलिस को परिवाद दिया गया।

 

भाजपा नेता से ठगी का प्रयास

भाजपा प्रवक्ता मनीष सोनी ने बताया कि उनके साथ भी ऑनलाइन ठगी का प्रयास किया गया। जीओ फाइबर कनेक्शन में दिक्कत आने पर सोनी ने शिकायत दर्ज करवाई थी। उसी दौरान एक फोन आया, जिसने मोबाइल में टीम व्यूअर और एप डाउनलोड करवाने के लिए कहा। इसके बाद छह नंबर के डिजिट मांगे। सोनी ने वो भी दे दिए। बाद में पता चला कि मोबाइल हैक हो गया है। सामने वाला ही उसे संचालित कर रहा है। तब मोबाइल को रिसेट किया गया। तब जाकर हैकर से मोबाइल मुक्त हुआ।

 

लिंक को न करें क्लिक

आमतौर पर पुलिस व बैंक ये संदेश देते हैं कि मोबाइल पर आने वाले किसी भी लिंक को क्लिक करने से पहले कई बार विचार कर लें। बैंक व किसी संस्था के रुपए के लेनदेन से जुड़े लिंक को किसी भी स्थिति क्लिक न करें। दरअसल, क्लिक करके हम सामने वाले ठग को रुपए निकालने की स्वीकृति दे रहे होते हैं।

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