Trending Now




बीकानेर,रांगड़ी चैक स्थित पौषधशाला में चल रहे चातुर्मास आयोजन के दौरान उपस्थित सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं के समक्ष जैनाचार्य गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न जैन मुनि जैन मुनि पुष्पेंद्र म.सा. व प्रखर प्रवचनकार श्रृतानंद महाराज साहेब ने फरमाते हुए कहा कि जिनवाणी के अनुसार श्रावक श्राविकाओं को नियम व्रत लेना चाहिए, अभक्ष भोज लेना अभद्र बात है, परमात्मा के लिए भी आयंबिल करनी चाहिए।

जैन मुनि श्रृतानंद म सा ने जैनाचार्य हरिभद्र सूरीश्वरजी द्वारा लिखित ज्ञानवाणी के अनुसार फरमाते हुए कहा कि  चौथी नर्क से निकला जीव दीक्षा ले सकता है लेकिन तीर्थंकर नही बन पता। तीसरी नर्क से आया तीर्थंकर बन सकता है, दूसरी नर्क से आया जीव बलदेव बन सकता है, पहेली नर्क से आया जीव चक्रवर्ती तक बन सकता है।  जीव को सुख के समय परमात्मा को याद करते रहना चाहिए, लेकिन इंसान तो सुख में भूल जाता है, दुख में ही याद करता है जो उचित नहीं है। मोक्ष तो देवाधिदेव पार्श्वनाथ ही करते है, इसलिए इनकी भक्ति  सर्वोच्च होती हे। सभी जैन धर्म अन्युयायियो को  जिन शासन स्थापित करने के लिए अपने मंदिर में परमात्मा की मूर्ति लगानी चाहिए।

सुरेन्द्र बद्धानी ने बताया कि आत्मानंद जैन सभा एवं चातुर्मास समिति द्वारा 29 सितम्बर को गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर परिसर मे प्रथम तीर्थंकर परमात्मा श्री आदिनाथ भगवान की कल्याण भूमि शत्रुंजय भाव यात्रा रविवार 29 सितम्बर को सुबह सवा नौ बजे धूमधाम से संगीतमय लहरियों के साथ करवाई जायेगी तथा दोपहर 12 बजे  साधर्मिक स्वामी वात्सल्य का आयोजन होगा।

चातुर्मास आयोजन समिति के शांतिलाल हनुजी कोचर ने बताया कि 28 सितम्बर को पंजाब केसरी श्रीमद् विजयवल्लभ सूरीश्वर महाराज की 70वीं पुण्यतिथि पर  गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर मे गुरु गुणानुवाद होगा इस आयोजन का लाभार्थी परिवार देवेन्द्रकुमार, सुरेन्द्रकुमार, यतिन्द्रकुमार, वीरेन्द्रकुमार जैन ओसवाल साॅप ग्रुप, जयपुर है ।
मंदिर श्री पदम प्रभु ट्रस्ट के अजय बैद ने 27 सितम्बर को 80 से अधिक श्रावक श्राविकाओं द्वारा आयंबिल किया जायेगा। आज की संघ पूजा व प्रभावना ओसवाल साॅप परिवार, जयपुर की ओर से की गई।

Author